विशेष संवाददाता ♦ भोपाल
लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों से पांच साल के कामों का हिसाब मांगा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों को दो पेज का फार्मेट भेजकर उनसे उनके कामों के अलावा क्षेत्र का भूगोल और गणित भी बताने को कहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री की योजनाओं के बारे में भी सांसदों से जानकारी मांगी गई है।
केन्द्र में दूसरी बार सभा में आने के लिए भाजपा इस बार टिकट वितरण में बेहद सर्तकता बरत रही है। पार्टी उम्मीदवारों को लेकर सर्वे कर चुकी है। इस सर्वे के बाद अब सांसदों को एक फार्मेट भेजकर उनसे उनके कामों की रिपोर्ट के अलावा क्षेत्र का पूरा डाटा बुलाया जा रहा है। इस डाटा और सर्वे रिपोर्ट का रख टिकट वितरण के बारे में फैसला लिया जाएगा। टिकट वितरण से पहले भाजपा यह क्षेत्र का जातिगत और धार्मिक गणित करीब से जानना चाहती है। इसके अलावा वह केन्द्र की योजनाओं का ग्रामीण और शहरी इलाकों में असर भी जानना चाहती है। इसके लिए सांसदों से कहा गया कि वे प्रधानमंत्री मोदी सरकार की उन पांच योजनाओं का नाम लिखकर दें जो जनता के बीच सबसे असरकारी रही है और जिनसे चुनाव में फायदा हो सकता है। फार्मेट में संगठन के क्षेत्र में हुए कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है और यह भी पूछा गया है कि मतदान केन्द्र और पेज प्रभारी रचना की लोकसभा क्षेत्र में या स्थिति है। इसके अलावा लोकसभा क्षेत्र में पांच साल में शहीद हुए लोगों की भी जानकारी इस फार्मेट के जरिए मांगी गई है।
प्रतिद्वंदी कांग्रेसी का नाम भी पूछा
सांसद से क्षेत्र के कुल मतदाता, पुरूष, महिला की जानकारी भी चाही गई है। इसके अलावा उनसे यह भी लिखने को कहा गया है कि क्षेत्र से सबसे मजबूत कांग्रेस दावेदार कौन और क्यों हैं। इसके अलावा दावेदारी कर रहे अन्य पांच मजबूत नेताओं के नाम भी चाहे गए हैं। सांसदों को यह भी बताना होगा कि पिछले पांच साल के दौरान उन्होंने अपनी निधि से कितने निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी और उनमें से कितने पूरे हुए। हफ्तेभर के भीतर फार्मेट भरकर सांसदों को केन्द्रीय कार्यालय को भेजना होगा।