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दिग्विजय-शिवराज के बीच चला वार-पलटवार का दौर

Update: 2019-03-11 14:41 GMT

लोकसभा सभा चुनाव की घोषणा होते ही तरकश से निकलने लगे तीर

राजनीतिक संवाददाता भोपाल

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते ही राजनीतिक दलों के क्षत्रपों ने एक दूसरे पर राजनीतिक वाण छोडऩा शुरु कर दिए हैं। राजधानी में भी राजनीति का पारा चढ़ने लगा है। सोमवार को इंदौर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर हमला किया, तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए मघ्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इंदौर में मीडिया से बातचीत में दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी को अच्छे नतीजे मिलेंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी की कलाई खुल चुकी है। उन्होंने जो वादे किए थे, कोई पूरे नही हुए जो उन्होंने सपने दिखाए थे, वो भी पूरे नही हुए हैं, इसलिए निश्चित तौर पर आगामी लोकसभा के नतीजों के बाद नरेंद्र मोदी तो प्रधानमंत्री नही बनेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाल ही में उठाये गए सवाल जिसमे उन्होंने जिक्र किया था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते थे कि चुनाव आचार सहिंता लग जाये ताकि किसानों की कर्ज माफी न हो सके। इस बात पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो शिवराज सिंह चौहान की बातों पर ध्यान नही देते है। शिवराज की फि़ल्म तो पूरी हो चुकी है और अब न उनकी फिल्म है और न ही ट्रेलर बचा है। इसके अलावा सेना के शौर्य को राष्ट्रीय व राजनीति का मुद्दा बनाने पर दिग्विजय ने कहा कि कभी भी सेना को और राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीति का मुद्दा नही बनाना चाहिए चुनाव आयोग भी इस बात को लेकर सख्त है।

शिवराज का पलटवार


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने पलटवार किया कि कांग्रेस के नेता पहले अपने वादों को याद करें। जिनका हिसाब उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रदेश की जनता को देना है। विधानसभा चुनाव में उन्होंने जो वचन दिए एक भी पूरा नही कर पाए। शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को किसानों से कर्ज माफी का झूठा वादा करने के लिए माफी मांगना चाहिए। उन्होंने अपने ट्वीटर एकाउंट पर लिखा कमलनाथ सरकार का झूठ ढाई महीने में ही सबके सामने आ गया है, उनकी कलई खुल गई है, रंग उतार गया है। कर्जमाफ़ी का सच तो जनता ही बेहतर रूप से बताएगी।

कमलनाथ का दावा: 20 लाख किसानों का हुआ कर्ज माफ


सरकार कर्जमाफी के मुद्दे पर शुरुआत से ही विपक्ष के निशाने पर है, भाजपा इसको लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाएगी। कर्जमाफी को लेकर जहां सरकार दावे कर रही है वहीं भाजपा इसे झूठ और धोखा बता रही है। इस बीच सरकार एक और कर्जमाफी के इस मैसेज से फिर घिर गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था अगले दो तीन महीनों में किसानों का पूरा कर्जा माफ हो जायेगा। उन्होंने कहा था कुल 24 लाख 84 हजार किसानों के खातों में कर्ज माफी की कार्रवाई की गई। अभी तक 20 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। यह कार्रवाई चलती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान का जन्म कर्जे में होता है। उसकी मृत्यु कर्जे में होती है। बड़ी आवश्यकता थी कि किसानों को राहत मिले। उन्होंने कहा कि किसानों को वचन दिया था कि उनका कर्जा माफ करेंगे। सरकार ने कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू करके किसानों को इसका लाभ भी देना शुरू कर दिया है। अगली कार्रवाई चलती रहेगी। अगले दो तीन महीनों में पात्र सभी किसानों का पूरा कर्जा माफ हो जायेगा।

भाजपा के मीडिया प्रभारी ने भी किया हमला


लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से कुछ क्षण पहले भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कमलनाथ सरकार नीति और नीयत पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है वोट के लिए हुए षड्यंत्र का खुलासा, कांग्रेस ने ऋण माफी का झूठ बोला था। अभी इस समय तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता नहीं लगी है, लेकिन कमलनाथ सरकार ने किसानों को मैसेज भेज दिए हैं कि आचार संहिता लगने के कारण आपकी ऋण माफी नहीं हो पा रही है, यह गंभीर मामला है। जांच जरूरी है।

आचार संहिता से पहले आने लगे मैसेज

लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग ने रविवार को शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी। जिसमे मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव की घोषणा की। इससे पहले ही मध्य प्रदेश में किसानों के पास मैसेज पहुंचना शुरू हो गए कि आचार संहिता के कारण कर्जमाफी की प्रक्रिया चुनाव के बाद होगी। सोशल मीडिया पर इन मैसेज के स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं। इनमे से कुछ में 5 बजे से पहले का समय बताया जा रहा है तो कुछ में पांच बजे के बाद का समय दिखाई दे रहा है।

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