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ये कमलनाथ के नेतृत्व की सरकार है, अपना रवैया सुधारें वर्ना दंड मिलेगा

Update: 2019-03-02 05:11 GMT

♦ गुस्साए 15 डाक्टरों ने दिए सामूहिक इस्तीफे

दमोह के स्वास्थ्य शिविर में भडक़े विधायक राहुल सिंह

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दे दी धमकी

राजनीतिक संवाददाता भोपाल

मघ्यप्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने मंत्री-विधायकों को अधिकारियों के साथ संयमित भाषा और व्यवहार करने की नसीहते भले ही देते रहें हैं, लेकिन उनकी नसीहतों का असर सरकार के मंत्री और संगठन के विधायकों पर दिखाई नही दे रहा है। ताजा मामला प्रदेश के दमोह जिले से सामने आया है। जहां जिला स्तर पर आयोजित स्वास्थ्य शिविर के कार्यक्रम में मौजूद दमोह विधायक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पर भडक़ उठे और उन्होंने स्कूली शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी डॉ. प्रभु राम चौधरी और जिलाधीश की मौजूदगी में ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी साहब अपना रवैया सुधारें वरना दंड मिलेगा। विधायक के इतना कहते ही कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे डॉक्टर गुस्सा गए और उन्होंने जिलाधीश को सामूहिक त्यागपत्र मंजूर करने के लिए आवेदन दे दिया। इस दौरान डॉक्टरों और कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्का मुक्का भी हुई।

इस घटनाक्रम की जानकारी में बताया गया है कि दमोह के जिला अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां पर अतिथि के रूप में दमोह के सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी डॉ.प्रभु राम चौधरी के साथ दमोह विधायक राहुल सिंह भी मौजूद थे। राहुल सिंह ने अपने भाषण के दौरान जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर टिप्पणी की और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आर.के.बजाज पर कई आरोप लगा दिए। विधायक राहुल सिंह ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पर फोन नही उठाने और पदाधिकारियों की बात न सुनने सहित कई आरोप मंच से लगाए। विधायक राहुल सिंह ने कहा कि कार्यालय में बैठने से काम नहीं चलेगा। रवैया बदलना पड़ेगा। ग्रामीण अस्पतालों से मरीज को दमोह रेफर किया, दमोह से जबलपुर। उन्हें (डॉ. बजाज को) जब चार बार फोन लगाओ, तब आप एक बार फोन उठाते हैं, कैसे चलेगा। मैं तीन बार अस्पताल की विजिट कर चुका हूं, लेकिन हालात नहीं बदले। आपके काम करने का रवैया ठीक नहीं है, ये कमलनाथ के नेतृत्व की सरकार है। यदि कोई भी पदाधिकारी उन्हें (डॉ.बजाज को) फोन लगाता है तो एक बार में फोन उठाकर जवाब दीजिए, आपकी बहुत शिकायतें मिल रहीं हैं। इस दौरान विधायक ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को धमकी भी दे दी औऱ कहा कि साहब अपना रवैया सुधारें वर्ना दंड मिलेगा।

इतने पर कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे डॉक्टर भडक़ उठे और उन्होंने वही विधायक को खरी-खोटी सुनाना शुरु कर दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों में भी तीखी नोंक झोंक हुई और कई डॉक्टरों के साथ धक्कामुक्की भी हुई। इस दौरान प्रभारी मंत्री एवं दमोह विधायक भी मौजूद थे, लेकिन वे वहां से निकल गए। अनुविभागीय दण्डाधिकारी रविंद्र चौकसे ने भी कांग्रेसियों को वापस भेजा। वहीं डॉक्टरों ने तुरंत बैठक बुलाई और इस्तीफा देने की धमकी दी है। जिलाधीश को ज्ञापन देने के लिए पहुंच गए। वहां पर उन्होंने अतिरिक्त जिलाधीश आनंद कोपरिया को ज्ञापन सौंपा और सामूहिक इस्तीफा की पेशकश की। इसके बाद कार्यक्रम में विलंब से शामिल होने पहुंचे सांसद प्रहलाद पटेल के सामने यह बात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन ने रखी।

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