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690 करोड़ अटके, वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन पर संकट

Update: 2019-03-01 08:07 GMT

खाद्य विभाग ने भी अब तक नहीं दी व्यवसाय गारंटी की लंबित राशि

सुमित शर्मा भोपाल

मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कार्पाेरेशन इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है। एक तरफ कार्पाेरेशन की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है तो वहीं अन्य सरकार एजेंसियां भी कार्पाेरेशन की देनदारी नहीं चुका रही है। खाद्य विभाग ने भी वर्ष 2017-18 की चाढ़े चार माह की व्यवसाय गारंटी की राशि अब तक नहीं दी है।

प्रदेश के ज्यादातर निगम-मंडल सरकार के लिए घाटे का सौदा बन चुके हैं। इन निगम-मंडलों को चलाने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जा रही है। हालांकि कुछ निगम मंडल ऐसे हैं, जिनकी बेहद जरूरत है। ऐसे निगम-मंडलों में मप्र वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन भी शामिल है। दरअसल राज्य सरकार हर वर्ष लाखों मीट्रिक टन गेहूं सहित अन्य अनाजों की खरीदी करती है। इनके भंडारण का जिम्मा वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन के पास ही रहता है, लेकिन अब वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन पर ही संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

नान ने नहीं चुकाई राशि

प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) हर वर्ष लाखों मीट्रिक टन गेहूं के साथ ही धान एवं अन्य फसलों की खरीदी करता है। इसके बाद नागरिक आपूर्ति निगम वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन के माध्यम से इन अनाजों का भंडारण भी करवाता है। इसके एवज में नान द्वारा भुगतान भी किया जाता है, लेकिन नान ने कई वर्षों से वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन को राशि का भुगतान ही नहीं किया है। इसके अलावा विपणन संघ ने भी कई देयकों का भुगतान अब तक नहीं किया है। वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन को अन्य संस्थाओं से भी अब तक भुगतान नहीं हुआ है।

इधर नागरिक आपूर्ति निगम ने बुलाई निविदाएं

नागरिक आपूर्ति निगम ने गेहूं खरीदी के बाद किसानों को दी जाने वाली राशि के लिए बैंकों से निविदाएं आमंत्रित की हैं। दरअसल इस वर्ष सरकार ने 70 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदी का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। अब नागरिक आपूर्ति निगम किसानों को देने के लिए पैसों की व्यवस्था में जुटा हुआ है। दरअसल नान पर पहले से ही करोड़ों रुपए का कर्ज है। सूत्रों की मानें तो नागरिक आपूर्ति निगम रोजाना करीब 3 करोड़ रुपए का सिर्फ ब्याज ही दे रहा है। ऐसे में फिर से राशि की व्यवस्था करना है। इसके लिए बैंकों से खुली निविदाएं आमंत्रित की हैं।

वेतन का भी संकट

वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन की वित्तीय स्थिति दयनीय होती जा रही है। एक तरफ जहां अन्य सरकारी एजेंसियों ने कार्पाेरेशन की राशि रोक रखी है तो वहीं खाद्य विभाग ने भी राशि नहीं दी। इसके कारण अब कार्पाेरेशन के पास अपने अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन बांटने का भी संकट पैदा हो सकता है। कर्मचारी संघ ने भी मांग की है कि कार्पाेरेशन की राशि का भुगतान जल्द करें।

इनका कहना है

वेयर हाउसिंग कार्पाेरेशन की वर्षों से कई लंबित राशियां अटकी हुईं हैं। इसके कारण कार्पाेरेशन पर भी वित्तीय संकट जैसी स्थिति बनती दिखाई दे रही है। यदि समय पर देयकों का भुगतान नहीं होगा तो कर्मचारी-अधिकारियों को वेतन के लाले पड़ जाएंगे। इस संबंध में कई बार मांग भी की गई है, लेकिन अब तक ध्यान नहीं दिया गया।

अनिल वाजपेयी,

प्रांताध्यक्ष सेमी गवर्नमेंट एम्पलाईज फेडरेशन एमपी 

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