SwadeshSwadesh

मुख्यमंत्री ने दी धमकी नेताओं ने रखी शर्त

Update: 2019-02-24 15:48 GMT

राजनीतिक संवाददाता ♦ भोपाल

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव जिताने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार के मंत्रियों, विधायकों के अलावा प्रदेश भर के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को दो टूक कहा है कि अगर पार्टी को जीत नहीं मिली तो नेता इसके जिम्मेदार होंगे और उनसे पद भी वापस लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री की इस चेतावनी के बाद संगठन और सरकार के नेताओं में खलबली मची, लेकिन यह हलचल ज्यादा समय तक नही रह पाई और प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के पास अपना संदेश पहुंचा दिया कि वह संगठन के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ काम करते आए हैं, लेकिन पार्टी की सरकार बनने के बाद समर्पित कार्यकर्ताओं की मंत्री-विधायक अनदेखी करते हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से स्पष्ट कह दिया है कि अगर उनके मन मुताबिक तबादले नहीं किए गए तो लोकसभा चुनाव में वह स्वयं ही पार्टी की जीत का जिम्मा नहीं लेंगे।

विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद नाथ लोकसभा चुनाव में भी बड़ी जीत की उम्मीद लगाए हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के मिशन को लेकर जिले के पदाधिकारियों समेत विधायक और मंत्रियों तक को साफ कह दिया है कि पद तभी बचेगा जब पार्टी के हिस्से में जीत आएगी। यही नहीं उन्होंने यह तक कह दिया कि अपने मतदान केन्द्र हारे तो उनके नाम की सूची मुख्यमंत्री आवास के बाहर लगा दी जाएगी ताकि उनकी एंट्री मुख्यमंत्री आवास में बंद हो सके। उन्होंने पार्टी के अंदर चल रही अंर्तकलह को लेकर भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वह गुटबाजी से पूरी तरह से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भोपाल से लेकर दिल्ली तक खेमों में बंटी पार्टी की गुटबाजी बर्दाश्त नहीं होगी।

कांग्रेस हारी तो छीन लेंगे कुर्सी : कमलनाथ

मुख्यमंत्री नाथ ने ये संकेत दे दिए थे कि अगर अपने मतदान केन्द्र या फिर जो विधायक मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा गया है वह जीत दिलाने में कामयाब नहीं होते हैं तो उनसे पद वापस ले लिया जाएगा। इनमें कई मंत्री भी ऐसे हैं जिनका पद लोकसभा चुनाव के बाद जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक नाराज विधायकों को पार्टी ने पहले भी यही संकेत दिया था कि लोकसभा चुनाव तक रुकें उसके बाद एक बार फिर कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। जाहिर सी बात है खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों पर गाज गिरना तय है।

विधायकों का पलटवार

मुख्यमंत्री की धमकी के बाद विधायकों ने भी अपना दांव खेल दिया है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि तबादले में अगर उनकी राय शामिल नहीं की जाती है तो वह कैसे अधिकारियों से अपना तालमेल बनाएंगे। इससे नतीजों पर असर पड़ेगा। वह हार के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। विधायक दल की बैठक में भी यह मुद्दा उठ चुका है।

Similar News