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स्मार्ट सिटी की पूरी राशि खर्च नही कर पाए

Update: 2019-02-23 17:12 GMT

दस प्रतिशत ही खर्च कर सके सागर, उज्जैन और ग्वालियर

राजनीतिक संवाददाता भोपाल

केन्द्र की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी प्रदेश में फिसड्डी साबित हो रही है। बीते चार सालों में भाजपा की सरकार व नगरीय निकायों में भी भाजपा की सरकार होने के बाद भी इस मामले में काम गति नहीं पकड़ सका है। सबसे खराब हालात तीन निकायों में रही है। खास बात यह है कि तीनों ही निकाय भाजपा के गढ़ हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के सात शहरों में स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र सरकार ने पांच सालों में अपने हिस्से की 1305 करोड़ रुपए की राशि दी है। इसमें से 783.29 करोड़ खर्च हुए हैं।

वहीं केंद्र सरकार ने सतना स्मार्ट सिटी के लिए 190 करोड़ रुपए राज्य सरकार को दिए हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जारी 188 करोड़ में से 136 करोड़ राज्य शासन ने सतना स्मार्ट सिटी एसपीवी को जारी नहीं किए। इधर सागर, उज्जैन, ग्वालियर स्मार्ट सिटी की राशि खर्च करने में फिसड्डी साबित हुए। ये 10 प्रतिशत राशि भी खर्च नहीं कर सके। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने विधायक मुन्नालाल गोयल के सवाल के जवाब में यह जानकारी सदन को दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्मार्ट सिटी योजना में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और सतना में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के स्मार्ट सिटी फंड से शहरों किए जा रहे विकास कार्यों के मूल्याकंन की नीति तैयार की है। इसके लिए समिति गठित की गई है।

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