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भावांतर की तर्ज पर किसानों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार

Update: 2019-02-23 17:00 GMT

12 लाख किसानों को मक्का, सोयाबीन की प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी

विशेष संवाददाता भोपाल

मध्यप्रदेश में किसानों के सहारे 15 साल का वनवास ख़त्म कर सत्ता में आई कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव से पहले एक और दांव खेलने जा रही है। सरकार राज्य के 12 लाख किसानों को मक्का, सोयाबीन की प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी में है। इससे जुड़ा प्रस्ताव 26 फरवरी को कैबिनेट में रखा जाएगा। सरकार ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के सभी जिलाधीशों से किसानों की जानकारी मांगी है। सत्ता परिवर्तन के बाद से ही भाजपा व पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसको मुद्दा बनाकर सरकार की घेराबंदी कर रहे थे। चुनाव से पहले हर वर्ग को साधने में जुटी नई सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है, जिसके चलते अपने वचन पत्र के वादों के साथ ही अन्य मांगों को भी पूरा करने की तैयारी है।

सरकार मक्का और सोयाबीन उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी कर रही है। जिलाधीशों से किसानों से सम्बंधित जानकारी मांगी गई है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार राज्य के 12 लाख किसानों को मक्का, सोयाबीन की प्रोत्साहन राशि देगी। इससे जुड़ा प्रस्ताव 26 फरवरी को कैबिनेट में रखा जाएगा। इसके बाद 3 मार्च से पहले प्रोत्साहन राशि किसानों को दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन पर 500 रुपए प्रति क्विंटल और मक्का पर 200 रुपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे प्रदेश के 12 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। कर्जमाफी, बिजली बिल हाफ करने के बाद किसानों के हित में सरकार का यह बड़ा फैसला होगा। हालाँकि पिछली सरकार में इसकी घोषणा की गई थी।

हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने कमलनाथ सरकार को पत्र लिखा था और किसानों को सोयाबीन और मक्का पर प्रोत्साहन राशि देने की मांग की थी। वहीं पूर्व सरकार की फ्लेट भावांतर भुगतान योजना के तहत किसानों को प्रोत्शाहन राशि का इन्तजार है। जिन किसानों ने योजना के तहत जल्दबाजी में 500 रुपए पाने की सबसे पहले सोयाबीन व मक्का का विक्रय कर दिया था, वह अब उपज का भाव बढऩे व प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

गेहूं के समर्थन मूल्य के साथ बोनस की मांग

किसानों को पिछली बार गेंहू पर बोनस मिला था। जिसको लेकर एक बार फिर गेंहू पर बोनस की मांग शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पिछले दिनों सरकार पर निशाना साधा था कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के 1840 रुपए भाव से ही प्रदेश में गेँहू की खरीदी हो रही इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा कोई अतिरिक्त राशि का बोनस किसानों को नही दिया जा रहा हैंए जबकि हमारी पिछली भाजपा सरकार के द्वारा केंद्र सरकार द्वारा घोषित गेहूं के समर्थन भाव 1735 रुपए के साथ ही 265 रुपए राशि का अतिरिक्त बोनस कुल मिला कर 2000 रुपए प्रति क्विंटल का भाव किसानों को दिया था। इसके साथ ही पूर्व वर्ष में बेचे जा चुके गेहूं पर प्रति क्विंटल 200 रुपये बोनस बिना मांगे दिया गया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर प्रदेश सरकार द्वारा पिछली भाजपा सरकार के अनुसार प्रदेश के किसान भाइयों को केंद्र सरकार द्वारा घोषित गेहँू के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस नही देती हैं तो पूरे प्रदेश में किसानों द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ व्यापक और उग्र आंदोलन किया जायेगा।

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