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कर्ज माफी पर नाथ सरकार की अग्नि परीक्षा, किसानों के खाते में आज से राशि भेजने का काम शुरू होगा

Update: 2019-02-21 16:03 GMT

विशेष संवाददाता ♦ भोपाल

मध्यप्रदेश में कर्ज माफी को लेकर कमलनाथ सरकार की ओर से अब तक जो भी कसमे-वादे किये उन्हें निभाने की असली अग्नि परीक्षा आज से शुरु होगी। इसके बाद ही यह तय हो जाएगा कि सरकार के वादे और दावों में कितना दम है। प्रदेश में पहले चरण में करीब 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफी किया जाना है।

इसके लिए आज से राशि किसानों के खाते में भेजने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इतने बड़े पैमाने पर कर्ज माफी करने के लिए सरकार को 30 हजार करोड़ की जरूरत पडऩे वाली है। विधानसभा में लेखानुदान पेश किया जा चुका है। इसमें वित्त मंत्री ने कृषि विभाग को सिर्फ 6 हजार करोड़ का बजट ही आवंटित किया है, जबकि, जरूरत 30 हजार करोड़ की है। कृषि विभाग को ही कर्जमाफी करना है। यही एक वजह है जिसे लेकर विपक्ष सरकार की मंशा पर संदेह कर रहा है।

दरअसल, आज विधानसभा में वित्त मंत्री तरूण भनोत ने कांग्रेस सरकार का पहला लेखानुदान पेश किया। इसमें किसानों के लिए सिर्फ छह हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। कमलनाथ सरकार भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है। नई सरकार ने दो बार बाजार से कर्ज भी उठाया है। फिजूलखर्ची के नाम पर भी कई विभागों में कटौति की गई है। लेकिन फिर भी सरकार को किसानों का कर्ज चुकाने के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है। कृषि विभाग को किसानों के कर्ज की रकम बैंक में जमा करनी है। ऐसे में विभाग कहां से और कैसे शेष राशि का इंजेताम करता है ये देखने वाली बात होगी। वर्ष 2018-19 के दूसरे अनुपूरक बजट में कर्जमाफी के लिए पांच हजार करोड़ रुपए दिए गए थे। वर्ष 2019-20 के लेखानुदान में कृषि विभाग को छह हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। हालांकि इसमें अभी कर्जमाफी के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं है।

कुल 11 हजार करोड़ ही अब तक किसान कर्ज माफी के लिए आवंटित किए गए हैं। जबकि जरूरत 30 हजार करोड़ की है। सरकार को 19 हजार करोड़ का अतिरिक्त बंदोबस्त करना है। इसका मतलब है कि जुलाई तक सभी पात्र किसानों की कर्ज माफी शायद ही हो पाए। यह लेखानुदान जुलाई 2019 तक सरकार के खर्चे चलाने के लिए पेश किया गया है। मुख्य बजट जुलाई में होने वाले विधानसभा सत्र में आएगा।

विपक्ष ने उठाए सवाल

वित्त मंत्री ने जैसे ही कृषि विभाग के लिए छह हजार करोड़ रुपए आवंटन किए। विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी करना शुरू कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। हम जबतक किसान कर्ज माफी नहीं मानेंगे जबतक उनके खातों में सरकार पैसा जमा नहीं करवा देती। वहीं, विधायक डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार किसानों से झूठ बोल रही है। बजट में किसानों के लिए के कर्ज माफी के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद राहुल गांधी ने दस में कर्जमाफी की बात कही थी लेकिन 60 दिन हो गए हैं अब तक कुछ नहीं किया गया है।

कर्ज माफी के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों से बचती रही सरकार

किसानों की कर्जमाफी को विपक्षी दल भाजपा प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ बड़ा हथियार बनाने की कोशिश में है। तीन दिन के विधानसभा सत्र में विपक्षी सदस्यों ने सबसे ज्यादा सवाल कर्जमाफी को लेकर ही लगाए हैं। विधानसभा की कार्यवाही के तीसरे दिन नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सहित शिवराज सरकार में मंत्री रहे डॉ. नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह और भूपेन्द्र सिंह तथा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने भी कर्जमाफी को लेकर अनेक तरीके से पूछे हैं। कमलनाथ सरकार की जयकिसान फसल ऋण माफी योजना में खामियां बताकर इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया से जुड़े सवालों के कृषि मंत्री सचिन यादव ने लिखित जवाब दिए हैं। इनमें कुछ प्रश्र तारांकित हैं जबकि कुछ अतारांकित हैं। आज विधानसभा की प्रश्रोत्तरी में कुल 13 सवाल जय किसान कर्जमाफी योजना से संबंधित थे। ये सवाल नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, यशोधराराजे सिंधिया, भूपेन्द्र सिंह, रामपाल सिंह, कमल पटेल, विश्वास सारंग, कुंवर सिंह टेकाम, नागेन्द्र सिंह गुढ़, सीताशरण शर्मा, डॉ. राजेन्द्र पांडेय, संजीव सिंह संजू, हरीशंकर खटीक, यशपाल सिंह सिसोदिया ने लगाए। इसके अलावा हाल ही में हुए ओलावृष्टि और पाले को लेकर भी भाजपा विधायकों ने सवाल पूछे।

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