SwadeshSwadesh

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रजिस्टरों से मिलेगी मुक्ति

Update: 2019-02-18 16:02 GMT

 विनोद दुबे ♦ भोपाल

अलग-अलग जानकारियों से संबंधित रजिस्टरों के बोझ से परेशान मप्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रदेश की कमलनाथ सरकार राहत देने जा रही है। महिला एवं बाल विकास प्रदेशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कम्प्यूटर टेबलेट बांट रही है। कम्प्यूटर टेबलेट मिलते ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभिन्न आयुवर्ग के बालक-बालिकाओं, शिशुओं, कुपोषित बच्चे, गर्भस्थ महिलाओं आदि से संबंधित सभी जानकारियां टेबलेट में दर्ज कर ऑनलाइन विभाग को भेज सकेंगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी सुमन ने 'मध्य स्वदेश' से विशेष चर्चा में जानकारी देते हुए बताया कि विगत दो महीनों में वह कई स्थानों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से मिलीं। कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपनी समस्याएं बताई थीं। कार्यकर्ताओं ने रजिस्टरों का बोझ और काम करने की बात कही थी। जिस पर सरकार ने इस तरह का फैसला लिया है। सरकार अब तक 16 जिलों में इस तरह के टेबलेट बांट चुकी है। शेष बचे 35 जिलों में टेबलेट बांटे जाने की प्रक्रिया विचाराधीन है।

सामुदायिक भवनों में भी पहुंचेंगे आंगनबाड़ी केन्द्र: ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र जिनके पास अपने शासकीय भवन नहीं हैं तथा किराए के मकानों में संचालित हैं। सरकार ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्रों को किराए के मकान से हटाकर सामुदायिक भवनों, मनोरंजन भवनों जैसे शासकीय भवनों में स्थानांतरित करेगी। यह प्रक्रिया अगले एक माह में शुरू हो जाएगी।

अधिकारी प्रतिमाह करेंगे आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण : आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गड़बड़ी और कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति की शिकायतों के चलते अब सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रतिमाह विभागीय मंत्री और प्रमुख सचिव से लेकर पर्यवेक्षक तक स्तर के अधिकारी को प्रतिमाह किसी भी निर्धारित दिनांक को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पहुंचकर निरीक्षण करना होगा। इसके लिए प्रतिमाह सरकार तिथि तय करेगी। कार्यकर्ताओं और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर सीसीटीव्ही कैमरे और इलेक्ट्रिोनिक उपस्थिति मशीन लगाई जाएगी। इसी प्रकार आवास गृहों पर भी सीसीटीव्ही कैमरे लगाए जाएंगे, जिन्हें जिला कार्यालयों से जोड़ा जाएगा। कैमरा एक घंटे भी बंद रहा तो इसके लिए विभाग के जिला अधिकारी जिम्मेदार होगे।

गुलाबी हटेगी, कार्यकर्ताओं को मिलेगी प्रिंटेड साड़ी

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाडिय़ों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के गणवेश के रूप में वर्तमान में गुलाबी रंग की साड़ी जिस पर नील रंग की पट्टी होती है, अनिवार्य है। कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की शिकायत थी कि इस तरह की साड़ी में वह स्वयं को अपमानित महसूस करती हैं। इस कारण निर्धारित रंग की साड़ी की बाध्यता समाप्त की जाए। इस पर विचार करते हुए विभाग ने गुलाबी साड़ी के स्थान पर छापेदार साड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को देने का निर्णय लिया है।  

ठेकेदारों की दुकानों पर लगेंगे ताले

आंगनबाडिय़ों में पोषण आहार के नाम पर खिचड़ी और दतिया पहुंचाकर अरबों रुपये का भुगतान कराने वाले ठेकेदारों की दुकानों पर जल्द ही ताला लगने वाला है। पोषण आहार तैयार करने के लिए विभाग प्रदेश में सात फैक्ट्रियां बना रहा है। इनमें एक फैक्ट्री देवास में बनकर तैयार भी हो चुकी है। जबकि छह और फेक्ट्री अगले छह माह में बनकर तैयार हो जाएंगी। इन फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू होते ही ठेकेदारों का प्रदाय बंद कर दिया लाएगा। उल्लेखनीय है कि आंगनबाडिय़ों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार के नाम पर अब तक सरकार लगभग 1200 करोड़ रुपये खर्च कर रही थी। शासकीय फैक्ट्रियां शुरू होते ही इन ठेकेदारों की दुकानों पर ताले लग जाएंगे। विभागीय मंत्री श्रीमती इमरती देवी सुमन का कहना है कि पोषण आहार के नाम पर दलिया और सोयाबीन की खिचड़ी से कुपोषण नहीं मिट रहा था। इस कारण पोषण आहार का मीनू (सामग्री) भी बदला जाएगा। स्थानीय स्तर पर विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन वितरण के साथ भोजन प्रदाय करने वाली व्यवस्था को भी अलग कर साझा चूल्हा से संचालित किया जाएगा। 

Similar News