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महिलाओं पर अत्याचार में भोपाल अव्वल, ग्वालियर का नंबर तीन

Update: 2019-02-18 15:01 GMT

चोरी के मामले में भोपाल नंबर एक और इंदौर जिला नंबर दो पर

प्रशासनिक संवाददाता भोपाल

राजधानी भोपाल भले ही स्वच्छता अभियान में नंबर एक का तमगा हासिल नहीं कर पाया हो, लेकिन महिलाओं पर अत्याचार और चोरी के मामले में नंबर एक पर है। महिलाओं पर अत्याचार करने में उज्जैन जिला नंबर दो पर है तो वहीं ग्वालियर जिले ने नंबर तीन हासिल किया है। यह स्थिति 11 नवंबर 2018 से लेकर 22 जनवरी 2019 तक की है।

मध्यप्रदेश में क्राइम पर कंट्रोल नहीं होना कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। हालांकि क्राइम में हमेशा नंबर वन रहने वाला इंदौर इस बार स्थितियों को सुधारने में सफल हुआ है, लेकिन सरकार की नाक के नीचे राजधानी भोपाल में सबसे ज्यादा अपराध हुए हैं। दरअसल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार से 11 नवंबर 2018 से 22 जनवरी 2019 तक हत्या, लूटपाट, चोरी, डकैती, महिलाओं पर अत्याचार की जानकारी चाही थी। इस पर सरकार द्वारा उन्हें जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

 भोपाल असुरक्षित, बढ़ीं घटनाएं

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से राजधानी भोपाल बेहद असुरक्षित शहर हो गया है। 11 नवंबर 2018 से 22 जनवरी 2019 तक की अवधि में राजधानी भोपाल में 15 हत्याएं हुईं हैं, 776 चोरी की घटनाएं हुईं हैं, 29 लूटपाट हुईं हैं तो वहीं 445 मामले महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज किए गए हैं। हालांकि इस अवधि में डकैती का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है। इसी तरह ग्वालियर जिले में 16 हत्याएं, 306 चोरी, 12 लूटपाट और 325 मामले महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज किए गए हैं। यहां भी डकैती का एक भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में 21 हत्याएं हुईं, 671 चोरी की घटनाएं हुईं, 9 लूटपाट हुईं और 265 प्रकरण महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज हुए। जबकि संस्कारधानी जबलपुर में 9 हत्याएं, 196 चोरी, 10 लूटपाट, एक डकैती और 227 प्रकरण महिलाओं पर अत्याचार के सामने आए हैं। महिलाओं पर अत्याचार में उज्जैन जिला दूसरे नंबर पर है। यहां पर कुल 348 प्रकरण महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज हुए हैं। जबकि 10 हत्याएं, 204 चोरियां, 4 लूटपाट और एक डकैती का मामला यहां पर दर्ज किया गया।

 यह है प्रदेशभर की स्थिति

प्रदेश में लगातार चोरी, डकैती, हत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद तो लगातार भाजपा नेताओं की एक के बाद एक हत्याएं भी हुईं हैं। यदि प्रदेशभर की स्थिति देखें तो प्रदेश के सभी 52 जिलों के साथ ही भोपाल रेल मंडल, जबलपुर रेल मंडल और इंदौर रेल मंडल में 11 नवंबर 2018 से 22 जनवरी 2019 की अवधि में 332 हत्याएं हुईं हैं, 5467 घटनाएं चोरी की सामने आई, 213 लूटपाट की घटनाएं हुईं हैं, 3 डकैती डाली गईं हैं तो वहीं 6310 मामले महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज किए गए हैं।

 प्रदेश के रेल मंडलों में कम हुईं घटनाएं

यदि प्रदेश के जिलों में देखें तो नवनियुक्त जिला निवाड़ी अपराधों के मामले में सबसे कम है। यहां पर हत्या एवं डकैती की एक भी घटना नहीं हुई है। चोरी के प्रकरण 7, लूटपाट के 2 और महिलाओं पर अत्याचार के 10 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। जबकि भोपाल रेल मंडल में हत्या और डकैती का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया, जबकि 510 चोरी, 8 लूटपाट और 7 मामले महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज हुए हैं। इसी तरह जबलपुर रेल मंडल में एक हत्या, 220 चोरी और एक प्रकरण महिलाओं पर अत्याचार का सामने आया है, जबकि लूटपाट और डकैती का एक भी प्रकरण नहीं है। इंदौर रेल मंडल में एक हत्या, 113 चोरी और 2 महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज हुए हैं, जबकि यहां पर भी लूटपाट और डकैती का एक भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है।

 ग्वालियर-चंबल संभाग की स्थिति

हत्या, चोरी, लूटपाट, डकैती और महिलाओं पर अत्याचार में ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भी कई प्रकरण दर्ज किए गए हैं। यहां के 8 जिलों में ग्वालियर के अलावा शिवपुरी जिले में 12 हत्या, 43 चोरी, 3 लूटपाट और 123 प्रकरण महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज किए गए। गुना जिले में 5 हत्या, 79 चोरी, 4 लूटपाट और 171 महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज हुए। अशोकनगर में 9 हत्या, 47 चोरी और 84 मामले महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज हुए। यहां पर लूटपाट और डकैती का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया। मुरैना जिले में 7 हत्या, 91 चोरी, 13 लूटपाट और 139 प्रकरण महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज हुए। भिंड जिले में 4 हत्या, 76 चोरी, 2 लूटपाट, 100 महिलाओं पर अत्याचार, श्योपुर जिले में 1 हत्या, 21 चोरी, 1 लूटपाट और 25 मामले महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज किए गए। इसी तरह दतिया जिले में 4 हत्या, 33 चोरी, 3 लूटपाट और 75 प्रकरण महिलाओं पर अत्याचार के दर्ज किए गए हैं। 

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