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माशिमं छात्र-छात्राओं को दे रहा है परीक्षा में तनाव मुक्त रहने की समझाइश

Update: 2019-02-12 16:43 GMT

विशेष संवाददाता भोपाल

मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाएं एक औऱ तीन मार्च से शुरू होने जा रही हैं। हाईस्कूल 10वीं की परीक्षा 1 मार्च और हायर सेंकेड्री 12 वीं की परीक्षा 2 मार्च से प्रारंभ होगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षाओं की तैयारी में जुटा हुआ है। प्रश्न पत्र तैयार करने से लेकर परीक्षा संपन्न कराने तक की बड़ी जि़म्मेदारी उसकी है। छात्र-छात्राओं को तनाव मुक्त रखना सबसे बड़ी चुनौती है।

मंडल परीक्षाओं से पहले हर तरफ तैयारी ज़ोर-शोर से चल रही है। बच्चे पढ़ाई में जुटे हैं और माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षा आयोजित कराने में व्यस्त है। इन तमाम तैयारी के बीच माध्यमिक शिक्षा मंडल के सामने सबसे बड़ी चुनौती छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचाने की है। इसके लिए मंडल ने अपनी हेल्पलाइन शुरू की है। ये हेल्पलाइन चौबीसों घंटे काम कर रही है। यहां काउंसलर तैनात हैं, जो बच्चों और उनके माता-पिता की काउंसलिंग कर रहे हैं। छात्र-छात्राएं के तनाव को कम करने के लिए लगातार फोन कर सवाल कर रहे हैं।

हेल्पलाइन सेंटर में रोज़ाना 300 से 400 छात्र-छात्राओं के फोन कॉल आ रहे हैं। सबसे ज़्यादा सवाल गणित और अंग्रेजी विषयों से संबंधित होते हैं। वो परीक्षा की तैयारी कैसे करें, इस बारे में सवाल करते हैं। बच्चे परीक्षा से पहले अपने डर को भगाने के बारे में भी काउंसलर्स से खुलकर बात कर रहे हैं।

काउंसलर्स बच्चों को पढ़ाई के लिए परीक्षा कार्यक्रम बनाने के साथ ही तनाव भगाने योग और खेल के जरिए खुद को तनाव मुक्त करने की सलाह दे रहे हैं। वो बच्चों को बता रहे हैं कि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेलकर या अपनी हॉबी के जरिए मन को एकाग्र कर सकते हैं।

मंडल परीक्षाओं से पहले छात्र-छात्राओं के लिए हेल्पलाइन में डाइट की भी जानकारी दी जा रही है। पढ़ाई के दौरान बच्चों को बैलेंस डाइट लेनी है। कितना खाना है। एनर्जी बनाए रखने के लिए क्या-क्या खाना है। पढ़ाई के दौरान फल, मेवा, जूस पीने और अच्छी डाइट लेने की सलाह भी काउंसलर्स दे रहे हैं।

माध्यमिक शिक्षा मंडल की हेल्पलाइन एक महीने पहले से शुरू हो गई है। परीक्षा के एक दिन पहले तक हेल्पलाइन सेंटर में छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग जारी रहेगी। अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जा रही है। ताकि अभिभावक बच्चों पर पढ़ाई करने का ज़्यादा दवाब ना बनाएं। वहीं बच्चों के मन से तनाव भगाने में मदद करें। बच्चों के मन में बैठे परीक्षा के डर को भगाएं।

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