SwadeshSwadesh

'रियो टिंटो' कंपनी को प्रदेश में बैन करने की तैयारी!

Update: 2019-02-11 19:04 GMT

प्रशासनिक संवाददाता भोपाल

हीरा खनन के क्षेत्र में दुनिया की जानी-मानी ऑस्ट्रेलियन कंपनी 'रियो टिंटो' को मध्यप्रदेश में पूरी तरह से बैन करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सरकार ने रियो टिंटो से जुड़ी हुई फाइल को खोलने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार रियो टिंटो पर जुर्माना भी लगाएगी। फिलहाल मामला वित्त, जीएडी और खनिज विभाग के बीच में है।

रियो टिंटो ने मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड (बकस्वाहा) में करीब 4 हजार करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई थी। लेकिन अब कंपनी ने मध्यप्रदेश में काम पूरी तरह से बंद कर दिया है। रियो टिंटो को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में काम दिया गया था। बताया जा रहा है कि कंपनी बिना खनिज लाइसेंस के ही काम कर रही थी और हीरा खनन के इस बंदर प्रोजेक्ट में कंपनी ने करीब 500 करोड़ रुपए खर्च भी किए थे। बकस्वाहा में रियो टिंटो ने वर्ष 2002 में रिकोनेंस परमिट पर काम शुरू किया था, जिसके तहत सर्वे किया जा सकता है। इसके बाद कंपनी को 2006 में 5 साल के लिए प्रॉस्पेक्टिंग लायसेंस (पीएल) मिला था, तब कंपनी ने यहां पर अत्याधुनिक मशीनें लगाकर हीरे खोजने का काम शुरू किया था।

बिना लाइसेंस के किए काम

रियो टिंटो ने मध्यप्रदेश में बिना लाइसेंस के ही काम किया। कंपनी ने हीरे के कमर्शियल खनन के लिए 2008 में माइनिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन खदान क्षेत्र के दस वर्ग किलोमीटर की वनभूमि आ रही थी, जिसके लिए उसे केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की अनुमति का इंतजार था।

हजारों क्विंटल खोद डाली मिट्टी

मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो रियो टिंटो ने बिना अनमुति के ही हजारों क्विंटल मिट्टी खोद डाली है। अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले को लेकर अधिकारियों से जानकारी बुलाई है। सूत्रों की मानें तो वे इस कंपनी को मध्यप्रदेश में पूरी तरह से बैन करना चाहते हैं। उन्होंने अधिकारियों को इसके निर्देश भी दिए हैं।

बुंदेलखंड को बड़ा झटका

बंदर प्रोजेक्ट से रियो टिंटो ने हर साल 30 लाख कैरेट हीरा खनन का लक्ष्य रखा था। ये कितना बड़ा प्रोजेक्ट था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पन्ना की खदानों से अभी सालभर में करीब 31 हजार कैरेट हीरा खनन हो रहा है। इस प्रोजेक्ट से बुंदेलखंड सहित प्रदेश के विकास में नया अध्याय जुड़ता और यह क्षेत्र दुनिया की प्रमुख हीरा खदानों में शुमार होता। लेकिन कंपनी ने मध्यप्रदेश से प्रोजेक्ट को ही बंद कर दिया, इससे पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को भी गहरा झटका लगा था। 

Similar News