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राजधानी में धूमधाम से मनी बसंत पंचमी

Update: 2019-02-10 15:45 GMT

शिक्षण संस्थाओं ने किये कार्यक्रम

राजनीतिक संवाददाता ♦ भोपाल

बसंत ऋतु के आगमन पर उत्सव मनाने का दिन बसंत पंचमी, मां सरस्वती की आराधना का विशेष पर्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के ही दिन ब्रम्हा जी द्वारा मां सरस्वती की उत्पत्ति की गई थी। तभी से बसंत पंचमी का यह पर्व मां सरस्वती की आराधना का प्रमुख पर्व माना जाता है। राजधानी भोपाल में रविवार को बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राजधानी की अनेक शिक्षण संस्थाओं ने कार्यक्रम आयोजित किये।

क्या है बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन के लिए एक और कारण प्रचलित है। पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने मां सरस्वती को यह वरदान दिया था, कि बसंत पंचमी के दिन सभी स्थानों में उनकी आराधना की जाएगी। इसके बाद से ही बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन का विधान है जो वर्तमान में भी जारी है। ऋग्वेद में वाणी की देवी मां सरस्वती का वर्णन देवी सरस्वती के रूप में परम चेतना, हमारी बुद्धि, प्रज्ञा और सभी मनोवृत्तियों का संरक्षण करती हैं। हममें जो आचार और मेधा है उनका आधार मां सरस्वती ही हैं, जिनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव बड़ा ही अद्भुत है। इसके अलावा मनुष्य और जगत के प्रत्येक प्राणी की बुद्धि, विद्या और वाणी के रूप में देवी सरस्वती विराजमान हैं। उनके आशीर्वाद के बिना प्राणी अपने भावों और विचारों की अभिव्यक्ति न हीं दे सकता। मां सरस्वती को वाग्वादिनी, गायत्री, शारदा, कमला, हंसवाहिनी आदि नामों से जाना जाता है।

राजधानी भोपाल में रविवार को बसंत पंचमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राजधानी की अनेक शिक्षण संस्थाओं ने वीणा वादिनी मां सरस्वती की पूजा अर्चना के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये।

वहीं बसंत पंचमी को लेकर पंडितों का कहना है कि अभी गुप्त नवरात्री भी चल रहे हैं और आज 5 पांचवा दिन है खास मां सरस्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनका कहना है कि पीले वस्त्र पहन आज मां सरस्वति की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। इस बार बसंत पंचमी पर सरस्वति पूजन के लिए लोगों ने पर्यावरण का खास ख्याल भी रखा और मां सरस्वति की इकोफ्रेंडली मूर्ति स्थापना की गयी, जिन्हें हर्बल रंगों से रंगा गया है ताकि मां के आशीर्वाद के साथ ही प्रकृति की खूबसूरती को बनाए रखा जा सके।

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