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मध्यप्रदेश सरकार सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए बनाया यह प्लान, पढ़े पूरी खबर

Update: 2019-07-11 14:30 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश में सडक़ हादसों में होने वाली मौतें पर अंकुश लगाना पुलिस और सडक सुरक्षा विभाग के लिए चुनौती बन गया है। बीते साढ़े छह माह में राज्य में सडक़ हादसों में साढ़े छह हजार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए हैं। इन हादसों को रोकने के लिए पुलिस और सडक़ सुरक्षा विभाग सडक़ों पर स्पीड रडार लगाने की योजना बना रहे हैं।

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि राज्य में एक दिसंबर 2018 से 12 जून 2019 तक हुए सडक़ हादसों में 6567 लोगों की जान गई है। सबसे ज्यादा मौतें धार जिले में हुई, जहां इस अवधि में 326 मौते हुई हैं। इस तरह राज्य में हर माह एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

राज्य के गृहमंत्री बाला बच्चन भी हादसों में साढ़े छह हजार से ज्यादा लोगों की मौत की बात स्वीकारते हुए कहते हैं कि राज्य में हादसों की बढ़ती संख्या की वजह जनसंख्या और वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी होना है। बच्चन का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा आधुनिक तकनीक इंटीग्रेटिड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) और डायल 100 का उपयोग कर सडक़ हादसों की रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य सडक़ सुरक्षा परिषद के सदस्य सचिव और विशेष पुलिस महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सडक़ों पर स्पीड रडार लगाए जाएंगे। इतना ही नहीं, ड्रिंक एंड ड्राइव से होने वाली दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए 1500 अल्कोहल मीटर खरीदे जा रहे हैं। ये सभी थानों में एक-डेढ़ माह के अंदर उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इसमें फूंकने मात्र से वाहन चालक की फोटो सहित ड्रिंक की स्थिति भी तुरंत रिकॉर्ड होगी।

पुलिस और सडक़ सुरक्षा विभाग के नोडल अधिकारियों के बीच शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं में 10 प्रतिशत कमी लाने के प्रयास किए जाएं, इसके लिए टी और एक्स जंक्शन सहित अंधे मोड़ पर दोनों तरफ कैमरों सहित स्पीड रडार लगाए जाएंगे। ऐसे स्थानों पर गति नियंत्रण के लिए वाहन चालकों को साइन-बोर्ड के जरिये भी जागरूक किया जाएगा।

दुर्घटना की दशा में तकनीकी संदेश के माध्यम से डॉयल-100 को सूचना उपलब्ध होगी और तुरंत एम्बुलेंस को सूचित किया जाएगा ताकि, पीडि़त को प्राथमिक चिकित्सा देकर सुविधाजनक नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया जाएगा। सडक़ हादसों को रोकने की भी कवायद तेज हो गई है। सडक़ हादसों का एक बड़ा कारण अतिक्रमण भी माना जाता है, इसलिए सभी थाना प्रभारियों को अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इतना ही नहीं, कम आयु और गैर लाइसेंसधारी वाहन चालकों पर कार्रवाई भी थाना प्रभारियों द्वारा की जाएगी। इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग को बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले छात्र-छात्राओं को कठोरता से सडक़ सुरक्षा नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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