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मध्यप्रदेश "जियो-रीच सॉफ्टवेयर" बनाने वाला देश का बना पहला राज्य

Update: 2018-08-26 07:48 GMT

भोपाल। विश्व बैंक की शर्त के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के टेंडर से लेकर पेमेंट तक की ऑनलाइन प्रोसेस के लिए जियो-रीच सॉफ्टवेयर बनकर तैयार हो गया है। मध्यप्रदेश एनआईसी के सीनियर टेक्निकल डॉयरेक्टर विवेक चितले और उनकी टीम द्वारा तैयार किया गया यह सॉफ्टवेयर देश का पहला सॉफ्टवेयर होगा। इसमें रोड निर्माण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी। मध्यप्रदेश ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण की माँग पर तैयार किए गये इस सॉफ्टवेयर मैनुअल का लोकार्पण सोमवार, 27 अगस्त को होटल कोर्टयार्ड मेरियट में अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर विश्व बैंक के अधिकारियों की टीम भी उपस्थित रहेगी।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण नितेश व्यास ने बताया कि प्रदेश के ऐसे ग्राम जो प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ परियोजना के दायरे में नहीं आ पा रहे थे। उन्हें बारहमासी सडक़ों से जोडऩे के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना प्रारंभ की गई थी। इसके तहत प्रदेश में लगभग 10 हजार किलोमीटर सडक़ों का निर्माण कराया गया था, इन सडक़ों को डामरीकृत सडक़ों में तब्दील करने की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है। इन सडक़ों के निर्माण और रख-रखाव के लिए मध्यप्रदेश सरकार और विश्व बैंक तथा एशियन इन्फ्रास्ट्रेक्चर डेव्लपमेंट बैंक के साथ 2275 करोड़ का ऋण समझौता अप्रैल 2018 में किया गया था। इस समझौते के तहत राज्य सरकार को टेण्डर से लेकर पेमेंट तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया पर सतत निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए ऑनलाइन सिस्टम विकसित करना आवश्यक था। मध्यप्रदेश एनआईसी की विध्यांचल भवन स्थित सेंटर में जियो-रीच सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री सडक़ों के मेन्टीनेंस के लिये ई-मार्ग सॉफ्टवेयर तैयार कर लागू किया जा चुका है। इसे भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा पूरे देश में लागू किया जा रहा है।

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