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मध्यप्रदेश विधानसभा ने पहली बार रचा इतिहास

Update: 2019-07-21 09:51 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही शनिवार को देर रात लगभग पौने ग्यारह बजे स्थगित होने के बाद रविवार सुबह 11 बजे फिर शुरू हो गई। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब विधानसभा की कार्यवाही रविवार को भी चल रही है। रविवार को सुबह प्रश्नकाल शुरू हुआ।

इसके पहले शनिवार को भी सदन की बैठक सुबह 11 बजे प्रारंभ हुई, जो बगैर भोजनावकाश के रात्रि लगभग 10.45 बजे तक चली। कल दिन में लगभग बारह घंटे तक लगातार बैठक के दौरान प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण और अन्य सरकारी कामकाज निपटाए गए।

इसके अलावा वित्त वर्ष 2019 20 के लिए राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, पशुपालन एवं मत्स्य कल्याण मंत्री लाखन सिंह यादव, आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी और ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के विभागों से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा और संबंधित मंत्रियों के उत्तर के बाद अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित किया गया।

ऊर्जा विभाग पर चर्चा के दौरान बिजली प्रदाय और बिल संबंधी मामलों को लेकर सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों के बीच आरोप प्रत्यारोप लगे। इस मामले में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के नेता गाेपाल भार्गव की घोषणा पर भाजपा सदस्यों ने रात्रि लगभग दस बजे बहिर्गमन किया।

रविवार को भी भोजनावकाश के बगैर कार्यवाही देर रात तक चलने की संभावना है। इस दौरान सरकारी कामकाज के साथ विभिन्न विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद उन्हें पारित कराया जाएगा।

विधानसभा का सत्र 8 जुलाई को प्रारंभ हुआ था और 26 जुलाई तक बैठकें प्रस्तावित हैं। 15 और 16 जुलाई (क्रमश: सोमवार और मंगलवार) को अवकाश होने के कारण विधानसभा की बैठक शनिवार और रविवार को भी आयोजित करने का निर्णय लिया गया था और इसके अनुरूप ही ये बैठक हो रही हैं।

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