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कमलनाथ का यू-टर्न, संघ कार्यालय की सुरक्षा बहाल

-कहा, चुनावी कार्य के चलते संघ कार्यालय से सुरक्षा व्यवस्था को गया था हटाया -आरएसएस से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, मगर वे सुरक्षा हटाने के पक्षधर नहीं

Update: 2019-04-02 12:01 GMT

भोपाल। राजधानी स्थित आरएसएस कार्यालय समिधा भवन से सुरक्षा हटाये जाने को लेकर गरमाई सियासत के बाद प्रदेश सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को कार्यालय की सुरक्षा-व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिये हैं। इस मामले को तूल पकड.ता देख उन्होंने संघ कार्यालय से सुरक्षा-व्यवस्था हटाये जाने पर अपनी सफाई दी है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान जारी कर कहा कि मुझे आरएसएस के भोपाल स्थित कार्यालय से चुनाव आयोग में की गयी एक शिकायत और चुनावी कार्य में सुरक्षाबल की आवश्यकता के कारण सुरक्षा हटा लेने की जानकारी मिली है। कुल छह स्थानों से सुरक्षा व्यवस्था हटायी गयी थी। उन्होंने अधिकारियों को तुरंत निर्देश दिये हैं कि आरएसएस कार्यालय पर पुन: सुरक्षा व्यवस्था बहाल कर दी जाये।

कमलनाथ ने कहा कि आरएसएस से हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। आरएसएस भले हमारा विरोध करता रहा हो, लेकिन वह उनके कार्यालय से सुरक्षा हटाएं जाने के पक्षधर नहीं हैं। वह इसकी तह में नहीं जाना चाहते हैं कि बीते 15 वर्षों में भाजपा कार्यालय पर सुरक्षा बल तैनात रहे जबकि कांग्रेस कार्यालय को कोई सुरक्षा भाजपा शासनकाल में नहीं दी गयी थी। हमारी सरकार बनने के बाद भी उन्होंने भाजपा कार्यालय को दी जा रही सुरक्षा-व्यवस्था को जारी रखा। हमने भाजपा की तरह दोहरा आचरण नहीं रखा।

मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि भले आरएसएस कार्यालय के जिम्मेदार लोग कह रहे हैं कि हमने सुरक्षा नहीं मांगी, लेकिन वह इस तरह की राजनीति में विश्वास नहीं करते हैं और न ही इस विषय को राजनीति का केन्द्र बनाना चाहते हैं। कहा कि भाजपा के जो नेता इस मामले पर हो-हल्ला मचा रहे हैं, हमले की आशंका जता रहे हैं और सुरक्षा की आवश्यकता बता रहे हैं। उन्हें विधिवत प्रक्रिया का पालन कर सुरक्षा की मांग वाला पत्र तुरंत प्रशासन को सौंपना चाहिए। सुरक्षा मांगना भी नहीं और हटना भी नहीं चाहिए, यह दोनों बातें समझ से परे हैं। फिर भी वह आरएसएस कार्यालय को पुन: सुरक्षा देने के निर्देश जारी कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाये जाने पर भाजपा नेताओं ने तीखी प्रक्रिया दी थी। यही नहीं राज्य की सत्ताधारी पार्टी के ही वरिष्ठ नेता व कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने भी दोबारा सुरक्षा बहाल करने की कमलानाथ सरकार से अपील की थी। 

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