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तबादलों का ऐसा दौर चला कि कमलनाथ सरकार ने थानेदार का 8 महीने में 11 बार किया तबादला

Update: 2019-09-01 13:03 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने तबादलों का ऐसा दौर चलाया कि एक थानेदार का आठ महीने में 11 बार तबादला कर दिया गया। इससे परेशान थानेदार जबलपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मिली जानकारी के अनुसार, सुनील लाटा वर्तमान में बैतूल जिले के सारणी थाने के प्रभारी के पद पर कार्यरत हैं, उनको निवाड़ी जिले के थाने में तैनात किया गया है। सुनील लाटा ने जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करते हुए बताया कि राज्य में सत्ता बदलाव 8 माह पूर्व हुआ है, इसके बाद से लाटा के तबादलों का दौर भी शुरू हो गया।

सुनील लाटा का पहला तबादला बैतूल से आईजी ऑफिस होशंगाबाद हुआ। इसके बाद होशंगाबाद से पुलिस मुख्यालय का तबादला आदेश हुआ, जहां से मुख्यालय के आदिम जाति कल्याण शाखा में हुआ फिर वहां से बैतूल के आदिम जाति कल्याण भेजने का आदेश हुआ। इसके बाद उनका तबादला सागर और छतरपुर के लिए हुआ, वह वहां आमद दर्ज करा पाते कि उससे पहले भोपाल स्थानांतरण का आदेश आ गया।

इसके बाद लाटा को भोपाल से बैतूल पदस्थ किया गया। लाटा कोतवाली के थाना प्रभारी रहे और फिर उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया। इसके बाद सारणी थाने का प्रभारी बनाया गया। सारणी थाने के प्रभारी का पद संभाले 7 दिन भी नहीं हुए थे कि अब उनका निवाड़ी जिला के लिए तबादला आदेश आ गया है। तबादलों से परेशान लाटा ने उच्च न्यायालय जबलपुर में 30 अगस्त को लगातार हो रहे तबादलों के खिलाफ याचिका दायर कर दी है। लाटा ने माना कि, उनके 8 माह में 11 तबादले हुए हैं। इसके खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जहां सुनवाई हो रही है।

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