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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के सभी पदों को छोड़ा !

Update: 2019-11-25 07:29 GMT

भोपाल/नईदिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्रोफाइल में अपनी पोस्ट बदल दी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पर अपना पद बदल दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से किनारा करते हुए खुद को समाज सेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इससे पहले अपने ट्विटर प्रोफाइल पर अपना पद- कांग्रेस महासचिव, 2002-2019 तक गुना लोकसभा सीट से सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लिखा था। अब उन्होंने इसे हटाकर खुद को समाज सेवक और क्रिक्रेट प्रेमी लिखा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ट्विटर प्रोफाइल पर अपना पद बदलने के बाद से एक बार फिर से सियासत शुरू हो गई है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से नाराज होने की भी कई खबरें आईं। हालांकि जब भी मीडिया के सामने आए उन्होंने नाराजगी की बात को कभी नहीं स्वीकार किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के बीच उनके बेटे महाआर्यमन सिंधिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस में उथल-पुथल मच गई थी।



 


ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रोफाइल में खुद को समाजसेवक बताया है लेकिन उन्होंने कांग्रेस का कई जिक्र नहीं किया है। इससे पहले को अपने पदों में कांग्रेस महासचिव और पूर्व सांसद व मंत्री भी लिखते थे। लेकिन अप कांग्रेस का कोई जिक्र नहीं किया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महासचिव नियुक्ति किया है। लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पास पश्चिमी यूपी का प्रभार था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई थी। जिसके बाद राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी महासचिव के पद से इस्तीफा दिया था। कांग्रेस महासचिव के पद से इस्तीफा देने की जानकारी खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट करके दी थी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की जा रही है। वहीं, कमल नाथ सरकार के कई मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में हैं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कांग्रेस की कमल नाथ सरकार के खिलाफ हमलावर हैं। उन्होंने किसान कर्जमाफी, अवैध रेत उतत्खनन और प्रदेश में हो रहे ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कमल नाथ सरकार पर हमला बोला है।

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा जब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई थी उस सामय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धारा 370 हटाए जाने का समर्थन किया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था- जम्मू कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश में उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नहीं होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित में लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं।

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