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मप्र में लगातार बारिश से उफने नदी, नाले, खुले ओंकारेश्वर, तवा और भदभदा डैम के गेट

Update: 2022-07-23 13:16 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं। नर्मदा, चंबल, शिप्रा और ताप्ती समेत प्रदेश की छोटी-बड़ी नदियों पर बने बांध भी लबालब भर गए हैं और इनका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। जिसके चलते खंडवा के ओंकारेश्वर डैम के 10 गेट, नर्मदापुरम में तवा डैम के 9 गेट खोले गए है। इसके साथ ही राजधानी भोपाल में भी भदभदा बांध का एक गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। 

भोपाल में शुक्रवार रात से हो रही बारिश शनिवार दोपहर तक जारी रही। सुबह तो करीब 2 घंटे तक झड़ी लगी। लगातार बारिश से भोपाल का भदभदा डैम भी लबालब भर गया है। जिसके बाद भदभदा डैम का एक गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। खंडवा में ओंकारेश्वर डैम के 10 गेट खोल दिए गए हैं। बैकवॉटर इलाके में लगातार बारिश के कारण जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। बांध का अधिकतम जल स्तर 196.6 मीटर है, जबकि वर्तमान में जल स्तर 196.17 तक पहुंच गया था। डैम के निचले हिस्से बड़वाह समेत अन्य जगहों पर अलर्ट जारी किया है। यहां से 1180 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। 

नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर - 

बड़वानी जिले में जुलाई महीने में ही राजघाट में नर्मदा खतरे के निशान पर पहुंच गई है। शनिवार सुबह तक जलस्तर 123 मीटर से ऊपर पहुंच गया था, जो खतरे के निशान 123.500 मीटर के करीब था। दोपहर तक पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है। नर्मदापुरम में भी तवा डैम के 9 गेट को 7 फीट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। तवा डैम के गेट खुलने के बाद से इंदिरा सागर डैम का जलस्तर भी बढ़ रहा है। इंदिरा सागर विद्युत परियोजना की टरबाइन से पानी की खपत होने से वॉटर लेवल मेंटेन है, लेकिन ओंकारेश्वर बांध में जुलाई के निर्धारित जलस्तर का कोटा पूरा हो चुका है, इसीलिए यहां के गेट खोलकर 1 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है।

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