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कुपोषण मिटाने खर्च होंगे 57 हजार करोड़

चुनावी साल में शिवराज सरकार का अनूठा प्रयास

Update: 2018-08-22 06:42 GMT

भोपाल। कुपोषण के मामले में मप्र देश में अव्वल है।प्रदेश में कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार भारी-भरकम राशि खर्च कर रही है, बावजूद इसके न तो कुपोषित बच्चों की सेहत सुधर हो रहा है और न ही कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या कम हो रही है। हालात इतने बिगडऩे के बाद अब जाकर राज्य सरकार चेती है और प्रदेश में कुपोषण दूर करने मध्यप्रदेश में पोषण अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को मंजूरी भी दे दी है। इस अभियान पर राज्य सरकार 57 हजार 587 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए पचास फीसदी राशि आईडीबीआई, तीस फीसदी राशि केंद्र और बाकी बीस फीसदी रकम राज्य सरकार खर्च करेगी।

इस अभियान से सरकार को उम्मीद है कि वह प्रदेश पर लगे कुपोषण के कलंक को मिटाने में कामयाब होगी।इस अभियान के लिए राज्य सरकार द्वारा तीन साल का एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसमें कुपोषण के कारण उत्पन्न कारण, नवजातों की मौतोंं, नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले पोषण पर जोर दिया जाएगा।इस अभियान की मॉनिटरिंग के लिए खार सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके तहत इस अभियान पर अफसरों की निगरानी रहेगी। वही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगें ताकी वे सारी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सके और बच्चों को दिए जाने वाले पोषण में सुधार कर सके।

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