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आंगनबाडिय़ां खुद हो रही कुपोषण का शिकार

प्रदेश के आंगनबाडिय़ों में हजारों पद खाली, नहीं हो रही भर्ती, विभाग नहीं ले रहा दिलचस्पी

Update: 2018-07-25 04:59 GMT

भोपाल। कुपोषण जैसे गंभीर मुद्दे पर सख्त सरकार आंगनबाडिय़ों की चिंता नहीं कर रही है। यही कारण है कि रिक्त पदों को भरने में विभाग दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जबकि मुख्यमंत्री लगातार विभागों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए निर्देश दे रहे हैं। लेकिन आंगनबाडिय़ों के रिक्त पड़े पदों को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं। जबकि मध्यप्रदेश में कुपोषण जैसी गंभीर समस्या है। सरकार कुपोषण को खत्म करने के लिए आंगनबाडिय़ों के माध्यम से बच्चों को पोषण आहार वितरित करती है।

आंगनबाडिय़ों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका नहीं होने के कारण पोषण आहार भी वितरित नहीं हो पाता। इंदौर संभाग की आंगनबाडिय़ों में सबसे ज्यादा रिक्त पद हैं। इंदौर संभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 14759 स्वीकृत पद हैं। इसमें से करीब 300 से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसी तरह आंगनबाड़ी सहायिकाओं के भी 14759 स्वीकृत पद हैं और इनमें 500 से ज्यादा रिक्त पड़े हुए हैं। इसी तरह भोपाल संभाग में कार्यकर्ताओं के 8402 स्वीकृत पदों में से 75 और सहायिकाओं के 150 से ज्यादा पद रिक्त हैं।

चंबल संभाग में भी 200 से ज्यादा कार्यकर्ता और सहायिका के पद रिक्त हैं। जबलपुर संभाग में 15587 में से लगभग 500 पद रिक्त हैं। इसी तरह ग्वालियर, होशंगाबाद, रीवा, सागर, शहडोल और उज्जैन संभाग में भी बड़ी संख्या में रिक्त पद हैं। 

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