अनुपूरक बजट में प्याज, लहसुन के लिए 448 करोड़ का प्रावधान, आज होगी चर्चा
चौदहवीं विधानसभा के आखिरी सत्र के पहले दिन की कार्यवाही भले ही विपक्ष के हंगामें के चलते आधे दिन ही चल सकी
एक दिन में अनुपूरक बजट, 17 विधेयक व सात अध्यादेश पेश
भोपाल | चौदहवीं विधानसभा के आखिरी सत्र के पहले दिन की कार्यवाही भले ही विपक्ष के हंगामें के चलते आधे दिन ही चल सकी लेकिन इतने समय में ही शिवराज सरकार ने 11 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट के साथ ही 17 विधेयक व सात अध्यादेश पेश कर दिए। हंगामे के बीच शिवराज सरकार द्वारा 11 हजार 190 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया। इसके साथ ही सरकार द्वारा 17 विधेयक भी सदन में पेश किए । इसके साथ ही सात अध्यादेश रखे गए हैं। अनुपूरक बजट पर विधानसभा में मंगलवार को चर्चा होगी। पांच दिवसीय इस मानसून सत्र में सरकार जहां चालू वित्तीय वर्ष के लिए पहला अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी, वहीं कांग्रेस का जोर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने पर रहेगा।इस पांच दिवसीय सत्र के लिए 1 हजार 376 सवाल पूछे गए हैं। तीन स्थगन प्रस्ताव की सूचना भी दी गई है।
अनूपूरक बजट एक नजर...
- 1 हजार 984 करोड़ 46 लाख 74 हजार 600 रुपए का स्कूल शिक्षा के लिए प्रावधान।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय देने के लिए 139 का प्रावधान।
- अध्यापकों को 7वां वेतनमान का लाभ देने 299 करोड़।
- जनजातीय कार्य विभाग के अध्यापकों को 7वां वेतनमान के लिए 204 करोड़।
- प्याज और लहसुन की फसल पर प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान और 448 करोड़ों रुपए का प्रावधान।
- मनरेगा के लिए 500 करोड़।
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत सचिव व्यवस्था के लिए 360 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- किसानों को सूखा फसल क्षति सहायता के लिए 150 करोड़।
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट के लिए वेयर हाउस बनाने के लिए 15 करोड़ रुपए।
- त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए एक हजार 415 करोड़ ।
- नगरीय विकास एवं आवास के लिए एक हजार 340 करोड़ रुपए की मांग ।
सेंट्रल जेल ब्रेक कांड के लिए जेल के दस अधिकारी जिम्मेदार, विधानसभा में पेश की गई जांच रिपोर्ट
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन में कांग्रेसी विधायक हंगामे के बीच भोपाल सेंट्रल जेल ब्रेक घटना और एनकाउंटर मामले की जांच रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी गई। आयोग ने रिपोर्ट में जेल के दस अधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदार माना है। आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि दीवारों की ऊंचाई कम होने की वजह से 8 सिमी आतंकी जेल की दीवार फांदने में कामयाब हुए थे।सिमी आतंकियों ने चादर और लकड़ी के टुकड़े से सीढ़ी बनाकर जेल ब्रेक किया था। इसके लिए आयोग ने जेल विभाग के 10 अधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदार माना है। इसके साथ ही आयोग ने यह भी माना है कि तात्कालिक परिस्थितियों में बल प्रयोग जरूरी था।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि जेल से भागे 8 सिमी आतंकियों ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग पर फायरिंग की। इतना ही उन्होंने धारदार हथियार से भी पुलिस पर हमले किये, इसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की जिससे आतंकी मारे गये। गौरतलब है कि बीती 30 और 31 अक्टूबर की दरम्यानी रात आठ कैदी भोपाल सेंट्रल जेल तोड़कर फरार हो गए थे। वे सभी विचाराधीन थे। उन पर प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े होने का आरोप था। इन सभी आरोपियों को पुलिस ने कुछ घंटे बाद ही भोपाल सेंट्रल जेल से लगभग 15 किमी दूर एक मुठभेड़ में मार गिराया था।
दो दिन में ही समाप्त हो सकता है विस का सत्र
सोमवार से शुरू हुए विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस के तेवर को देखते हुए राज्य सरकार सतर्क हो गई है। कांग्रेस द्वारा लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को देखते हुए सरकार पांच दिन के सत्र को दो दिन में ही खत्म कर सकती है। कहा जा रहा है कि सरकार इस मानसून सत्र को ज्यादा समय चलाने के पक्ष में नहीं है। सत्र के पहले दिन ही विपक्ष के हंगामे के बीच अनूपुरक बजट के साथ ही सातों विधेयकों को भी पटल पर रख सरकार ने अपने आवश्यक काम निपटा लिए है। हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही नही चल सकी और दोपहर दो बजे ही उसे कार्रवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विधानसभा के अंतिम सत्र के दौरान कराए जाने वाले फोटो सेशन के लिए भी विधायकों को कल सुबह दस बजे बुलाया गया है।
इससे संभावना है कि विधानसभा की कार्यवाही कल अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो सकती है। यह विधेयक हुए पेश विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों की सेवा आयु बढ़ाने के लिए मप्र विधानसभा सेवायुक्त विधेयक के अलावा अतिरिक्त धर्मशाला विधि विवि विधेयक, लोकतंत्र सेनानी समान विधेयक सहित भू राजस्व संहिता, मप्र वृत्तिकर, नगर पालिका मनोरंजन कर व अमोद-प्रमोद, नगर पालिक मुद्रांक शुल्क प्रभार, निजी विवि स्थापना व संचालन संशोधन विधेयक को आज पेश किया गया। अगर कांग्रेस इस बार अविश्वास प्रस्ताव लाने में सफल होती है, तो यह 28वां प्रस्ताव होगा। मध्यप्रदेश विधानसभा में अब तक 12 मुयमंत्रियों के खिलाफ 27 बार अविश्वास प्रस्ताव आ चुका है। मानसून सत्र में कांग्रेस 28 वीं बार अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
कांग्रेस पांच साल पहले भी अविश्वास प्रस्ताव लाई थी पर ऐन वक्त पर कांग्रेस के ही उपनेता प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह के विरोध केचलते यह पेश नहीं हो पाया था और विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी। इससे पहले कांग्रेस वर्ष 2013 में अविश्वास प्रस्ताव लाई थी। इस पर जब चर्चा चल रही थी, तभी विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह चौधरी ने भाजपा का पक्ष ले लिया था। इसके चलते इस बार कांग्रेस अपने हर विधायक पर नजर रखी हुई है ।
पछले सत्र में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर तीखी नोकझोक के बाद विपक्ष विस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी आया था, लेकिन चर्चा नहीं हुई और भारी हंगामे के बाद बजट सत्र में मध्यप्रदेश विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस ने इसे काला दिन बताया था।