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साल के अंतिम सूर्य ग्रहण के बाद पुण्य स्नान के लिए नर्मदा तटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Update: 2019-12-26 05:45 GMT

भोपाल/जबलपुर। पौष कृष्ण पक्ष अमावस्या के अवसर पर गुरुवार को सुबह मध्यप्रदेश में आंशिक सूर्यग्रहण का लोगों ने अवलोकन किया। सदी का यह अंतिम सूर्य ग्रहण सुबह 8.12 बजे शुरू होकर करीब 10.57 बजे समाप्त हुआ। सूर्य ग्रहण के बाद पुण्य स्नान के लिए नर्मदा समेत पवित्र नदियों के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

लोगों ने नदियों-तालाबों में स्नान कर दान-पुण्य का लाभ लिया। प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा के प्रमुख घाट, ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, सरस्वतीघाट, होशंगाबाद के सेठानी गाट, बरमान, ओंकारेश्वर, महेश्वर, नेमावर आदि घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं और स्नान, दान-पुण्य का लाभ उठा रहे हैं। वहीं, सूर्यग्रहण का सूतक खत्म होने के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण का काम जारी है।

राजधानी भोपाल समेत सूर्यग्रहण के चलते लोगों ने सुबह से ही तैयारियां कर ली थीं और सूतक समाप्त होने के बाद अपने घरों के शुद्धिकरण में जुट गए। खासकर मंदिरों में ग्रहण समाप्त होने के बाद भगवान को नहलाया गया और विशेष श्रृंगार कर पूजन-अर्चन किया गया। लोगों ने अपने घरों में साफ-सफाई कर नर्मदा और विभिन्न पवित्र नदियों का जल छिड़ककर घरों का शुद्धिकरण किया। वहीं, बड़ी संख्या में लोग अमावस्या का स्नान करने के लिए नर्मदा समेत विभिन्न नदियों-तालाबों के घाटों पर पहुंचे हैं। नर्मदा तटों पर तो भारी भीड़ उमड़ रही है। यह सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहेगा। लोग नदियों में स्नान कर पूजन-अर्चन करने में जुटे हैं। सूतक समाप्त होने के बाद ही लोगों ने पवित्र नदियों का रुख किया और अपने घरों की शुद्धिकरण में जुटे।

ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी ने बताया कि सूर्यग्रहण के लिए बुधवार को रात आठ बजे ही सूतक लग गया था, जो सूर्यग्रहण की समाप्ति तक रहा। सूतक लगने से लेकर ग्रहण के मोक्ष तक भगवान का स्पर्श निषेध माना गया है। इस दौरान लोगों ने भगवान का जप और भजन-कीर्तन किया। मंदिरों में इस दौरान विभिन्न भजन-कीर्तन के आयोजन हुए, जिनमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

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