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बंद को लेकर प्रशासन सतर्क, ग्वालियर सहित छह जिलों में धारा 144

पुलिस मुख्यालय ने पुलिस अधीक्षकों को विशेष सतर्कता बरतने के दिए निर्देश

Update: 2018-09-05 07:21 GMT

भोपाल। एट्रोसिटी एक्ट संशोधन के खिलाफ चल रहे आंदोलन के तहत सवर्ण समाज के छह सितंबर के प्रस्तावित बंद को लेकर मध्यप्रदेश पुलिस ने सभी पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट कर दिया है। पुलिस अधीक्षकों को विशेष सर्तकता बरतने के दिए निर्देश दिए गए है। इस बीच ग्वालियर सहित छह जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। ये जिले हैं ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, भिंड, श्योपुर और छतरपुर। पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था मकरंद देउस्कर ने मंगलवार को बताया कि एक्ट में संशोधन को लेकर सवर्ण समाज का विरोध अब तक मंदसौर, नीमच, ग्वालियर जैसे कुछ शहरों में रैली के रूप में हुआ है। प्रदेश के ग्वालियर-चंबल और उज्जैन संभाग में विरोध के स्वर तीखे बताए जा रहे हैं। वहीं, कटनी, सतना, जबलपुर, रीवा, विदिशा, हरदा, बदनावर, सागर, टीकमगढ़, मंडला, श्योपुर जैसे जिलों में भी एट्रोसिटी एक्ट संशोधन को लेकर नाराजगी स्वरूप विरोध प्रदर्शन हुए हैं। देउस्कर ने बताया कि सपाक्स सहित करीब 30 से 35 संगठनों द्वारा भारत बंद का आव्हान किया गया है जो केवल सोशल मीडिया पर चल रहा है। होशंगाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर इक्का-दुक्का संगठनों ने बंद की सूचना प्रशासन को दी है। उन्होंने बतया अभी इंटरनेट निलंबन जैसी आवश्यकता महसूस नहीं की जा रही है। फिर भी सभी जिलों को जन्माष्टमी के दौरान उपलब्ध कराए गए पुलिस बल को वापस नहीं लिया गया है। वे भारत बंद में कानून व्यवस्था के लिए उपयोग कर सकते हैं। इस बीच, ब्रह्म समागम सवर्ण जनकल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेन्द्र शर्मा ने कहा कि अजा/जजा कानून के विरोध में 6 सितंबर को शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेगा। पिछले एक सप्ताह से इस कानून के खिलाफ प्रदेश के कई स्थानों में विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं।  

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