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सीएए पर भ्रम फैलाकर देश का सौहार्द बिगाड़ने की साजिश में जुटे हैं कुछ लोग : नकवी

Update: 2020-02-22 14:04 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों की ओर संकेत करते हुए कहा कि कुछ लोग "गुमराही के गीत" और "भ्रम के संगीत" के जरिये देश के सौहार्द, धर्मनिर्पेक्षता और संविधान के ताने-बाने को अपहरण कर अपनी सनकी "सियासत की सेज" सजाने की साजिश में लगे हैं।

केंद्रीय मंत्री नकवी ने शनिवार को यहां विज्ञान भवन में आयोजित भारतीय छात्र संसद के 10वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बंटवारे के बाद हिंदुस्तान का सेक्युलर-डेमोक्रेटिक देश बनना, बहुसंख्यकों के संस्कार-सोच का नतीजा है और "अनेकता में एकता" के मजबूत ताने-बाने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि हमारा संवैधानिक ढांचा सामाजिक सौहार्द और सभी के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक अधिकारों के सुरक्षा की गारंटी है।

उन्होंने संविधान में प्रदत भारतीय नागरिकों के अधिकार और मौलिक कर्तव्यों की चर्चा करते हुए कहा कि जिस तरह से मौलिक अधिकारों के सम्बन्ध में हम जागरूक रहते हैं। उसी तरह से मूल कर्तव्यों के प्रति भी हमें जिम्मेदारी समझनी होगी। अधिकार और कर्तव्य दोनों एक-दूसरे से अलग नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि यदि हमारे पास अधिकार हैं, तो हमारे पास उन अधिकारों से जुड़ी कुछ जिम्मेदारियां भी हैं।

नकवी ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का 'राष्ट्रधर्म' है। मोदी सरकार की हर एक योजना का केंद्र बिंदु गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाएं और कमजोर तबका हैं।

उल्लेखनीय है कि भारतीय छात्र संसद के 10वे वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के 450 विश्वविद्यालयों के लगभग 10 हजार छात्र शामिल हुए हैं।

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