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कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने सभी मुसलमानों को दिया OBC आरक्षण, पिछड़ा आयोग ने उठाए सवाल

कर्नाटक सरकार ने मेडिकल 16 फीसदी सीटों पर सिर्फ मुलमानों को दिया एडमिशन

Update: 2024-04-24 10:39 GMT

बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों को आरक्षण का लाभ देने के लिए ओबीसी(पिछड़ा वर्ग ) में शामिल कर दिया है। राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने प्रेस रिलीज जारी करके जानकारी दी है। 

राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने बताया कि कर्नाटक के मुस्लिमों की सभी जातियों और समुदायों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जा रहा है। आयोग ने बताया कि श्रेणी II-बी के तहत, कर्नाटक में सभी मुसलमानों को ओबीसी माना गया है। आयोग ने कहा कि श्रेणी-1 में 17 मुस्लिम जातियों को ओबीसी माना गया है जबकि श्रेणी-2ए में 19 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी माना गया है। 

मेडिकल की 16 फीसदी सीटें मुसलमानों को दी - 



राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने कहा कि कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण हेतु कर्नाटक के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को ओबीसी की राज्य लिस्ट में शामिल किया गया है। इसका खुलासा एडमिशन प्रक्रिया से हुआ है। मेडिकल पीजी की 930 सीटों में से मुस्लिम वर्ग को 150 सीटों पर आरक्षण दे दिया गया है, जो करीब 16% है। इसमें लगता है कि ओबीसी वर्ग के आरक्षण कोटा में इस तरह से गड़बड़ी की गई है और आम ओबीसी का हक मारा गया है।  

मूल ओबीसी के हक को मरने नहीं देंगे-   

उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक में श्रेणी 1बी और बी2 के तहत कुल 14 मुस्लिम जातियां ओबीसी के तहत आती है।लेकिन सरकार ने सभी जातियों को आरक्षण दे दिया। उन्होंने कहा कि जब हमने पूछा की प्रतिशत की जगह 16 प्रतिशत आरक्षण कैसे दिया तो उनका कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में हम कर्नाटक के चीफ सेक्रेटरी को तलब कर रहे हैं। हम किसी भी तरह मूल ओबीसी के हक को मरने नहीं देंगे।  

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