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जीरो लाइन पर डटे 12 रोहिंग्या, बांग्लादेश वापसी को तैयार नहीं

Update: 2019-07-21 13:56 GMT

अगरतला/वेब डेस्क। बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थी शिविर से चोरी छुपे भारत में घुसने के लिए 12 रोहिंग्या मुस्लिम भारत और बांग्लादेश के बीच जीरो लाइन पर डटे हुए हैं। वे किसी भी कीमत पर बांग्लादेश वापसी को तैयार नहीं हैं। फिलहाल, इनको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

त्रिपुरा के कमलछोड़ा पुलिस के मुताबिक ये रोहिंग्या गुरुवार को बांग्लादेश के चिटगांव रोहिंग्या शिविर से त्रिपुरा के सीमावर्ती बांग्लादेश के ब्राह्मणबारी ससबा सीमाई क्षेत्र के 2053 नंबर पिलर के पास से भारत में प्रवेश कर गए थे। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने इन्हें देख लिया। इनके पास से बांग्लादेशी रोहिंग्या शरणार्थी शिविर का परिचय पत्र भी बरामद हुआ है। इन रोहिंग्या में दो पुरुष, पांच महिलाएं और पांच बच्चे शामिल हैं। इनमें एक वृद्ध व्यक्ति भी है।

बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) और बीएसएफ के कमांडेंट स्तरीय बैठक के बाद बीजीबी ने माना कि ये बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर से भारत की सीमा में घुस आए हैं। बीजीबी इन्हें वापस चिटगांव शरणार्थी शिविर में भेजने को तैयार है, लेकिन ये बांग्लादेश वापस जाने को तैयार नहीं हैं।

बीएसएफ के डीआईजी सीएल बेलवा ने बताया कि बीएसएफ के जवानों ने इन्हें बांग्लादेश सीमा के ब्राह्मणबारी इलाके के सस्बा सीमा के जीरो प्वाइंट पर गुरुवार को पकड़ा था। इन्हें अस्थाई रूप से त्रिपुरा के सिपाहीजेला के पुटिया सीमावर्ती इलाके के लागुवा गांव के एक घर में रखा गया है। बीएसएफ के द्वारा इनको भोजन एवं चिकित्सा की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह त्रिपुरा पुलिस ने सीमावर्ती राजनगर इलाके से दो रोहिंग्या मुस्लिम नागरिकों को गिरफ्तार किया था। चालू वर्ष के दौरान 250 से अधिक महिलाओं को त्रिपुरा, दक्षिण असम और मिजोरम से गिरफ्तार किया गया है। ये चोरी छुपे भारत की सीमा में घुस आते हैं। (हि.स.)

 

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