पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के 95वें जन्मदिन पर नवनिर्मित स्मृति स्थल 'सदैव अटल' लोक समर्पित
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कइयों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए
नई दिल्ली, 25 दिसम्बर (हि.स.)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी के 95वें जन्मदिन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वैंकया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी याद में बने स्मृति स्थल पर मंगलवार को यहां श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद प्रशस्त ताम्र पट्टिका का लोकार्पण किया। इस पर अटल जी का परिचय हिन्दी और अंग्रेजी में उत्कीर्ण किया गया है।
कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, संगठन मंत्री रामलाल, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश विजयवर्गीय, जेपी नड्डा, डॉ हर्षवर्धन, महेशचन्द शर्मा, अटल जी की बेटी व पोती सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मशहूर गजल गायक पंकज उदास ने भजन कार्यक्रम प्रस्तुत किया। 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' भजन से अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की। इसके बाद अटल जी की कविता 'कदम मिलाकर चलना होगा, चलना होगा, चलना होगा' गायी। अपनी प्रस्तुति के अंत में पंकज ने गांधी जी के प्रिय गीत 'वैष्णव जन तेने कहिये' से की।
इस अवसर पर देश-दुनिया से आये लोगों ने दिल्ली के 'सदैव अटल' स्थल पर पहुंचकर देश के पूर्व प्रधानमंत्री को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राजधानी दिल्ली में बापू की समाधि 'राजघाट' के समीप राष्ट्रीय स्मृति और लाल बहादुर शास्त्री की समाधि 'विजय घाट' के बीच अटल जी का स्मृति स्थल बनाया गया है। वाजपेयी की यह समाधि राष्ट्रीय स्मृति और विजय घाट के बीच फैले 11 एकड़ भूभाग के मध्य करीब डेढ़ एकड़ में बनकर तैयार हुआ है।
राष्ट्रीय स्मृति में चार पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, आर वेंकटरमन, डॉ. शंकर दयाल शर्मा और के आर नारायणन, तीन पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पीवी नरसिंह राव और इंद्र कुमार गुजराल की समाधियां भी मौजूद हैं। वहीं पास में 'सदैव अटल' का निर्माण किया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि-स्थल पर करीब 27 किलोग्राम का एक दीपक मौजूद रहेगा। यह देश की राजधानी में अवस्थित 'अमर जवान' ज्योति की तरह अनवरत प्रज्ज्वलित रहेगा। समाधि मूल रूप से ग्रेनाइड के नौ बड़े पत्थरों के आधार पर निर्मित हुआ है। इन पत्थरों पर कमल की नौ पंखुड़ियां दिख रही हैं। इन पंखुड़ियों के सामने ही नौ द्वार हैं। समाधि का निर्माण रिकॉर्ड 45 दिन में हुआ है।
अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति बने समाधि स्थल का निर्माण अटल स्मृति न्यास द्वारा कराया गया है। न्यास के अध्यक्ष पूर्व सांसद विजय कुमार मल्होत्रा हैं। न्यास में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन, गुजरात के राज्यपाल ओपी कोहली, कर्नाटक के गवर्नर वजु भाई वाला, भाजपा महासचिव रामलाल व वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री रामबहादुर राय शामिल हैं।
न्यास को सरकार की ओर से भूमि दी गई है। करीब 11 करोड़ रुपये खर्च कर न्यास ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से इसे निर्मित कराया।