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मोदी सरकार सामान्य वर्ग के लिए उम्र संबंधी छूट देने पर कर रही है विचार

Update: 2019-07-15 04:00 GMT

नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार सामान्य वर्ग के गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद अब ओबीसी की तर्ज पर अधिकतम आयु सीमा में भी छूट देने पर विचार कर रही है। इसके लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को पत्र लिख दिया है। इस पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण के साथ उम्र का लाभ दिया जाता है तो गरीब सवर्णों को भी सभी तरह का लाभ दे सकते हैं। आपको बताते जाए कि ओबीसी अभ्यथियों को उम्र सीमा में तीन साल, जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को पांच साल की छूट दी जाती है।

रिपोर्ट के अनुसार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी दी है। इस पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों को सरकारी नियुक्तियों में उम्र की सीमा में भी छूट दे देनी चाहिए। पत्र में बताया गया है कि जब ओबीसी, एससी और एसटी छात्रों को आरक्षण के साथ उम्र सीमा में छूट दी जाती है तो गरीब सवर्णों को भी ऐसी छूट दे दी जानी चाहिए।

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