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मराठा आरक्षण : आंदोलन ने लिया हिंसक का रूप, प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को फूंका

Update: 2018-07-30 13:49 GMT

पुणे। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर बवाल खत्म नहीं हो रहा है। और आंदोलन हिंसक हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को आगे के हवाले कर दिया है और रास्तों पर चक्का जाम कर दिया है। हंगामा बढ़ते देख शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। दरअसल, मराठा आरक्षण आंदोलन के तहत पुणे के नजदीक चाकण में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इस प्रदर्शन के बाद ही चाकण में आंदोलन अचानक हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने रोड जाम कर दिए और तोड़फोड़ शूरू कर दी।

जानकारी के मुताबिक, सुसाइड करने वाला प्रमोद पाटिल मूलत: लातूर का रहने वाला है। लेकिन पिता की नौकरी औरंगाबाद में थी जिस वजह से वो परिवार के साथ यहां रह रहा था। उसकी पत्नी बीड में ग्राम सेवक है। प्रमोद के दोस्तों ने बताया है कि पिछले चार दिनों से वो लगातार मराठी क्रांति मोर्चा में भाग ले रहा था। वो आंदोलन का हिस्सा रहा है। उसे ये लगने लगा था की उसे आरक्षण की वजह से नौकरी नहीं मिल रही थी। बस इसी बात को लेकर वो अक्सर परेशान रहने लगा था।सुसाइड से पहले प्रमोद ने सुसाइड से पहले एक फेसबुक पोस्ट लिखा है। इसमें उसने आरक्षण में हो रही देरी को अपनी मौत का कारण बताया है। वहीं दूसरी और मराठा आरक्षण की मांग कर रहे लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया है। पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में भी लिया है। पुणे से सोलापुर जाने वाली सभी स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों को रोक दिया गया है। पिछले आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन हिंसक देख शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से तुरंत विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज मुंबई में विधायकों के साथ मीटिंग भी की। ठाकरे ने कहा कि हमारी मांग है कि हमें पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना चाहिए और तुरंत विशेष सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण का मुद्दा विधानसभा के विशेष सत्र में उठाना चाहिए और उसके बाद इसे केंद्र सरकार के पास भेज देना चाहिए।



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