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ISRO प्रत्येक राज्य के 3 युवा वैज्ञानिकों को देगा उपग्रह निर्माण का प्रशिक्षण, इंदौर में बनेगा इनक्यूबेशन सेंटर

Update: 2019-01-18 08:49 GMT

नई दिल्ली। युवा वैज्ञानिकों को तैयार करने और देश में अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एक नई पहल करने जा रहा है। इसरो ने एक युवा वैज्ञानिकों का एक माह की अवधि का प्रशिक्षण शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत प्रत्येक राज्य के तीन छात्रों का चयन किया जाएगा।

इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने शुक्रवार को यहां अंतरिक्ष विभाग से संबंधित मुद्दों पर संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चुने गए छात्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं तक पहुंच भी दी जाएगी। इसके साथ ही एक छोटे उपग्रह के निर्माण का व्यावहारिक अनुभव भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य उन्हें उपग्रहों के निर्माण में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है।

इसरो प्रमुख ने कहा कि इसके अलावा अंतरिक्ष एजेंसी त्रिपुरा के अलावा त्रिची, नागपुर, राउरकेला और इंदौर में एक-एक ऊष्मायन (इनक्यूबेशन) केंद्र विकसित करेगी।

उन्होंने कहा कि 2019 के लिए अंतरिक्ष एजेंसी ने 32 मिशन की योजना बनाई है। इसमें से 14 लॉन्च विकिल मिशन, 17 अंतरिक्ष यान मिशन और 1 डेमन्स्ट्रेशन मिशन है। इस वर्ष इसरो के लिए पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं गगनयान, छात्रों तक पहुंचना, आउटरीच प्रोग्राम, नियोजित मिशन और विक्रम साराभाई शताब्दी समारोह। इसरो प्रमुख ने कहा कि गगनयान प्रोग्राम के लिए हमने पहले से ही इसरो में प्रबंधन संरचना तैयार की है। पहला मानव रहित मिशन दिसंबर 2020, दूसरा मानव रहित मिशन जुलाई 2021 और वास्तविक मानव अंतरिक्ष दिसंबर 2021 तक उड़ान भरेगा। (हि.स.)

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