नई दिल्ली/प्रमोद पचौरी। कांग्रेस में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद नंबर दो पर खुद को स्थापित करने की रेस शुरू हो गई है। इस लिहाज से अहमद पटेल सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी रहे पटेल राहुल गांधी टीम में अभी वो जगह नहीं बना पाए हैं कि जैसी सोनिया दरबार में हुआ करती थी। गुजरात चुनाव में राज्यसभा सीट के लिए पटेल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को जिस तरह मात दी उससे उनका पार्टी में कद तो बढ़ा ही साथ ही टीम राहुल में प्रतिष्ठा भी मिली। लेकिन गहलोत तब पटेल के सामने बादल की तरह छा जाते रहे। गहलोत को राजस्थान भिजवाकर अहमद पटेल ने अपनी एक चुनौती तो खत्म कर ली। अपने मित्र राजेश पायलट के बेटे सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनवाकर पटेल ने राजस्थान में एक म्यान में दो तलवारें वाली कहावत को चरितार्थ कराया है। मध्यप्रदेश में सुरेश पचौरी का विकेट गिरने के बाद दिग्विजय सिंह पटेल के समक्ष बड़ी चुनौती हैं। पचौरी अहमद पटेल के करीबी रहे हैं। उनके न चाहते हुए भी पचौरी ने विधानसभा चुनाव लड़कर सम्मान की लड़ाई भी हार गए। ऐसे में पचौरी के सामने दो ही विकल्प बचते हैं, पहला वे लोकसभा चुनाव लड़ें या फिर मुख्यमंत्री कमलनाथ के जरिए राज्यसभा की जमीन तलाशें क्योंकि सवाल दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया में संतुलन बिठाने को लेकर है। तीसरे राज्य छत्तीसगढ़ में भी पटेल समीकरण साधते नजर आ रहे हैं। जहां दो बड़े खिलाड़ी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव हैं।
राजनीति के चतुर सुजान अहमद पटेल न केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि अन्य पार्टियों के नेताओं से तालमेल की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लोकसभा 2019 के मद्देनजर मौसमी नेताओं ने जहां सत्ता की उम्मीदें तलाशनी शुरू कर दी हैं तो पटेल भी इन दलों पर अपनी गिद दृष्टि रखे हुए हैं। इसके लिए उनकी पहली रणनीति अलग-अलग राज्यों में छोटी पार्टियों से तालमेल करना हो सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक मात्र विकल्प अगर नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाना है तो अहमद पटेल उस लक्ष्य में अपनी भूमिका तय करने में लग गए हैं। इंतजार है तो केवल नोटिफिकेशन आने का। चुनावी आचार संहिता लगते ही गठबंधन का खेल अंतिम रूप ले लेगा। इस खेल में बसपा प्रमुख मायावती का अहम रोल बनने जा रहा है। महागठबंधन के सवाल पर समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव कहते हैं यह तो मीडिया द्वारा कल्पनाओं की उड़ान है जिसका न तो सिर है और न ही पैर। पर हां! धर्मनिरपेेक्षता के नाम पर समान विचारधारा के दलों ने मोदी का विकल्प तलाशने की कवायद जरूर तेज कर दी है। जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल, वामपंथी विचारधारा के सीताराम येचुरी, डी राजा, नेशनल कांफ्रेंंस के नेता फारुख अब्दुल्ला, दिनेश त्रिवेदी, कांग्रेस के संजय निरूपम और खुद अहमद पटेल एक मंच पर दिखे। जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल की ओर से आयोजित पार्टी में सुप्रिया सुले का शानदार प्रबंधन था।
अहमद पटेल को झटका
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को सर्वोच्च न्यायालय से झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने पटेल से राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा उम्मीदवार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई का सामना करने को कहा है। गुरुवार को न्यायालय ने पटेल की याचिका खारिज करते हुए कहा कि 2017 में राज्यसभा के लिए उनके निर्वाचन को चुनौती देनेवाली भाजपा उम्मीदवार बलवंतसिंह राजपूत की याचिका के संबंध में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय में ट्रायल का सामना करना होगा।