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चेलमेश्वर ने न्यायपालिका का मान गिराया - बार काउंसिल

जस्टिस चेलमेश्वर जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है।

Update: 2018-06-25 08:08 GMT

नई दिल्ली। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने 22 जून को सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर द्वारा हाल ही में मीडिया को दिए गए इंटरव्यू की आलोचना की है। बार काउंसिल ने कहा है कि जस्टिस चेलमेश्वर ने मीडिया को बयान देकर न्यायपालिका की गरिमा कम की है और उन्हें आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है।

बार काउंसिल ने अपने बयान में कहा है कि जस्टिस चेलमेश्वर जैसे उच्च पदस्थ व्यक्ति से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है। जस्टिस चेलमेश्वर ने 'बेंच फिक्सिंग' की बात की लेकिन खुद कभी इसका विरोध नहीं किया। कुछ वकीलों ने उनके बेंच के समक्ष बार बार केस लिस्ट करवाया, उसके बावजूद उन्होंने उसका विरोध नहीं किया बल्कि उनकी याचिकाओं को स्वीकार किया। उन मामलों में मुख्य न्यायाधीशों को हस्तक्षेप करना पड़ा और उनके आदेशों को निरस्त करना पड़ा।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि जस्टिस चेलमेश्वर प्रेस कांफ्रेंस के तुरंत बाद सीपीआई के नेता डी. राजा से मिले। उस प्रेस कांफ्रेंस के बाद न्यायपालिका को हुए नुकसान की भरपाई में काफी समय लगेगा। न्यायपालिका पर पूरे देश के नागरिकों का अटूट विश्वास है इसलिए इसके खिलाफ बयान देने से पहले किसी भी पूर्व न्यायाधीश को आत्मपरीक्षण करना चाहिए। 

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