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#MeToo के आरोपों में घिरे एमजे अकबर ने दिया विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा

Update: 2018-10-17 12:28 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने बुधवार को यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एमजे अकबर कई प्रमुख अखबारों और पत्रिकाओं में संपादकीय स्तर पर कार्य कर चुके हैं। उनके इसी कार्यकाल के दौरान दो दशक पहले उनके संपर्क में आई कुछ महिला पत्रकारों ने उनपर जबरदस्ती करने और यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था।

कार्यक्षेत्र में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ दुनियाभर में सोशल मीडिया पर 'मीटू' अभियान के तहत भारत में भी कई शख्सियतों पर आरोप लगे हैं। इसी क्रम में विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर भी आरोप लगे हैं।

अकबर ने अपने इस्तीफे के बाद एक वक्तव्य जारी कर कहा कि अपने पर लगे आरोपों के खिलाफ वह न्याय पाने के लिए न्यायालय गए हैं। ऐसे में उन्हें लगा कि उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और व्यक्तिगत तौर पर अपने पर लगे मिथ्या आरोपों को चुनौती देनी चाहिए। अकबर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का उन्हें सरकार में मौका देने के लिए धन्यवाद भी दिया।

अकबर पर सबसे पहले पत्रकार प्रिया रमानी ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। उसके बाद पत्रकार सुमा राहा, प्रेरणा सिंह बिंद्रा, कनिका गहलोत समेत 10 से ज्यादा महिलाओं ने इसी तरह के आरोप लगाए थे।

आरोप लगने के समय एजे अकबर विदेश में थे। स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही थी। उन्होंने इसके एक कानूनी फर्म की मदद से आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार पर न्यायालय में मानहानि का मामला भी दाखिल कराया है।

उनके इस्तीफे को लेकर सरकार पर भी एक तरह का दवाब बना हुआ था। कांग्रेस ने 'मीटू' के तहत केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर पर आरोप लगने के बाद उनके इस्तीफे की मांग की थी। कांग्रेस और विपक्ष ने अकबर के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।

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