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पटरियों के दोनों तरफ भारतीय रेलवे बनाएगा 3 हजार किमी लम्बी दीवार

Update: 2018-11-21 04:45 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। रेल पटरियों को पार करने के दौरान होने वाले हादसों, रेल संपत्तियों की सुरक्षा और ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए रेलवे महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत पटरियों के दोनों तरफ तीन हजार किलोमीटर लम्बी दीवार बनाने जा रहा है।

इस परियोजना से जुड़े रेलवे बोर्ड सदस्य (इंजीनियरिंग) विश्वेष चौबे ने मंगलवार को बताया कि छोटे शहरों और कस्बों के आबादी वाले क्षेत्र में जानवरों और लोगों को रेल पटरियों पर होने वाले हादसों से बचाने के लिए रेल पटरियों के दोनों तरफ दीवार बनाने का कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि रियायशी इलाकों में रेल पटरियों के दोनों तरफ आरसीसी की दीवार बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दीवार की ऊंचाई 2.7 मीटर होगी।

छोटे शहरों और कस्बों के आबादी वाले क्षेत्र में जानवरों और लोगों को रेल पटरियों पर होने वाले हादसों से बचाने के लिए रेल पटरियों के दोनों तरफ 2.7 मीटर ऊंची आरसीसी दीवार बनाने का कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि दीवार की ऊंचाई अधिक होने से लोग पटरियों पर आसानी से कूड़ा भी नहीं फेंक सकेंगे। उन्होंने कहा कि दीवार बनाने के इस काम में पटरियों के आसपास हुए अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कंक्रीट से बनने वाली यह दीवार मजबूत होने के साथ देखने में भी सुंदर होगी। दीवार को चार अलग-अलग तरह का बाहरी लुक दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह निर्माण कार्य दो चरणों में होगा। 30 सितम्बर को रेलवे ने 1575 किलोमीटर रूट की पहचान कर इस पर दीवार और बाड़ लगाने के लिए पहले चरण में राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष (आरआरएसके) के तहत 650 करोड़ रुपए का टेंडर मंजूर हो चुका है। इसके निर्माण का काम जून, 2019 तक पूरा हो जाएगा। दूसरे चरण का कार्य सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद दिसम्बर, 2019 तक पूरा हो जाएगा। स्वर्णिम चुतुर्भुज, डाइऐगनल, दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में ऐसे 1911 किलोमीटर लम्बे रूट की पहचान की गई है।

इस परियोजना के लिए ऐसे रेल मार्गों का चयन किया गया है, जहां से ट्रेनें 160 किलीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरती हैं। 

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