इस्लामाबाद। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर अमेरिकी वित्तीय मदद रोके जाने के बाद पाकिस्तान ने इसे 'अपना पैसा' बताया है। यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक, पड़ोसी देश ने कहा है कि यह कोई मदद या सहायता नहीं है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने कहा, " ये जो 30 करोड़ डॉलर हैं, वह मदद नहीं थी और ना है। हकीकत यह है कि यह पैसा गठबंधन समर्थन राशि के तौर पर आता है।"
उन्होंने आगे कहा कि ' यह वह पैसे है जो पाकिस्तान ने अपने संसाधनों से खर्च किए हैं और अमेरिका को इसे हमें लौटाना था।' कुरैशी ने जोर देकर कहा है कि 'यह उनका पैसा है और उन्होंने खर्च किया है।'
विदेश मंत्री ने दलील दी, "आतंकवाद के खिलाफ जंग हमारे साझा उद्देश्य हैं और इसकी बेहतरी के लिए पाकिस्तान ने योगदान किया है और जानमाल की कुर्बानी दी है। "
इमरान सरकार के मंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को यह पैसा लौटाया जाना था, जो उन्होंने नहीं दिया है। पाकिस्तान की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह आज नहीं हुआ, बल्कि पाकिस्तान की इस हुकूमत के आने से पहले ही अमेरिकी सरकार ने जितनी भी सुरक्षा मदद थी, उसे बंद कर दिया था।