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यूएसए प्रशासन ने भारत के साथ संबंधों को किया नजरंदाज

Update: 2018-09-05 10:14 GMT

वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ महत्वपूर्ण संबंधों को कम प्राथमिकता दी है। यही वजह है कि यह संबंध तेजी से आगे नहीं बढ़ रहा है, जबकि भारत के साथ संबंध दोनों पक्षों के लिए अत्यंत लाभकारी है। ये बातें अमेरिका के पूर्व राजनयिक ने कहीं।

अमेरिका और भारत के बीच गुरुवार को नई दिल्ली में होने वाली महत्वपूर्ण टू प्लस टू बैठक से पहले ओबामा प्रशासन के दौरान भारत में अमेरिकी राजदूत रहे रोयमर ने यह आरोप लगाया है। विदित हो कि यह वार्ता पहले वाशिंगटन में छह जुलाई को होने वाली थी, जिसे अमेरिका ने 27 जून को 'अपरिहार्य कारणों' का हवाला देते हुए टाल दिया था। उन्होंने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पूर्ववर्तियों जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा के उलट भारत के साथ देश के महत्वपूर्ण संबंधों को नजरअंदाज किया है।

भारत में अमेरिका के राजदूत रह चुके टीम रोयमर ने 'फॉरेन पॉलिसी' पत्रिका में मंगलवार को एक संपादकीय स्तंभ में लिखा, " दोनों देशों का भविष्य बेहद उज्ज्वल है, लेकिन अमेरिका को इस संबंध को पूर्ण प्राथमिकता देते हुए इस पर आगे बढ़ना चाहिए।" उन्होंने लेख में लिखा है, " वाशिंगटन में यह साझेदारी थम गई है, लेकिन नई दिल्ली में इसे अब भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका के साथ संबंध प्रगाढ़ बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक और विदेश नीति से जुड़ी रुचि साफ है।"

पूर्व राजनयिक ने कहा कि मोदी ने डोकलाम में चीन के साथ हाल में उत्पन्न तनाव और रूस के साथ हथियारों की खरीद के बीच अपने संबंधों में संतुलन बनाया है। वहीं दूसरी ओर मोदी अमेरिका के साथ उज्जवल भविष्य देखते हैं।

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