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बहुमत साबित करने तक राजपाक्षे श्रीलंका के प्रधानमंत्री नहीं

Update: 2018-11-05 13:53 GMT

कोलंबो । श्रीलंका के स्पीकर कारू जयसूर्या ने सोमवार को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की निंदा की और कहा कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को अपदस्थ करना और संसद का निलंबन अलोकतांत्रिक कदम है। उन्होंने कहा कि बहुमत साबित होने तक वह महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता नहीं देंगे।

विदित हो कि जयसूर्या के इस कड़े बयान के पहले, रविवार को सिरिसेना ने घोषणा की थी कि संसद की बैठक 14 नवंबर को बुलाई जाएगी, जबकि, उन्होंने इस तारीख से एक सप्ताह पहले संसद की बैठक बुलाने का वादा किया था।

समाचार पत्र सिंहाला के मुताबिक, स्पीकर ने कहा कि सात नवंबर को संसद की बैठक बुलाने की प्रतिबद्धता से सिरिसेना मुकर चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि संसद के अधिकतर सदस्यों ने उनके पास एक अर्जी देकर कहा है कि राष्ट्रपति द्वारा हाल में संसदीय सत्र में बदलाव का कदम असंवैधानिक है।

स्पीकर ने साफ कर दिया है कि वह संसद में शक्ति परीक्षण चाहते हैं। इस वजह से राजपक्षे को संसद में प्रधानमंत्री का स्थान नहीं मिलेगा, क्योंकि मौजूदा सरकार के सदस्यों को विपक्षी सीटों पर बैठना होगा।

ज्ञात हो कि सिरिसेना ने गत 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को अपदस्थ करते हुए संसद की कार्यवाही 16 नवंबर तक निलंबित कर दी थी।

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