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एफएटीएफ से पाक को लगा बड़ा झटका, ग्रे लिस्ट में होने से हो रहा आर्थिक नुकसान

Update: 2019-10-18 06:17 GMT

इस्लामाबाद। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को राहत नहीं मिल सकी है। एफएटीएफ दुनियाभर में आतंकियों के वित्त पोषण पर निगरानी करता है। इसका मुख्यालय पेरिस में है। एफएटीएफ, पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक अपनी ग्रे लिस्ट में डालने को तैयार है। शुक्रवार दोपहर इसकी आधिकारिक घोषणा होनी है।

एफएटीएफ ने मंगलवार को पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक अपनी ग्रे लिस्ट में रखने का निर्णय किया। एफएटीएफ ने यह फैसला पाकिस्तान के आतंकियों के वित्तपोषण और कालेधन का प्रयोग करने पर किया है। पाकिस्तान पर संगीन आरोप है कि वह आतंकियों को संरक्षण देने के साथ आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने कहा है कि एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान के कार्यकलाप के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों के वित्त पोषण को नियंत्रित करने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की गई। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान को आगामी चार माह में दो मापदंडों पर और कदम उठाने होंगे।

डॉन के अलावा पाकिस्तान के अन्य प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया की रपट में कहा गया है कि एफएटीएफ ने ब्लैक लिस्टिंग के फैसले को मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्त पोषण को रोकने के लिए असंतोषजनक कदम के साथ जोड़ा है। एफएटीएफ अपने फैसले की औपचारिक घोषणा शुक्रवार दोपहर 12:00 (स्थानीय समयानुसार) पर करेगा।

उल्लेखनीय है कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में रखा था। इस दौरान 27 बिंदुओं पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को 15 महीने का समय दिया गया। पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्त पोषण और कालेधन के खिलाफ कार्रवाई करनी थी। दोपहर एफएटीएफ की संभावित घोषणा का बड़ा असर यह होगा कि कंगाली के चक्रव्यूह में फंसे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक से कर्ज ले पाना और भी मुश्किल हो जाएगा। 

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