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तेल उत्पादन घटाने के फैसले से पहले प्रधानमंत्री मोदी की राय पर विचार करेंगे : सउदी अरब

Update: 2018-12-08 19:09 GMT

वियना। ओपेक की बैठक में तेल का उत्पादन घटाने पर कोई फैसला नहीं हो पाया, क्योंकि सउदी अरब ने एक बयान देकर मुद्दे को लटका दिया। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली। रिपोर्ट के अनुसार, सउदी अरब ने कहा कि ओपेक कच्‍चे तेल के उत्पादन पर कटौती का फैसला लेने से पहले अमेरिका, रूस और भारत की राय लेगा। सऊदी अरब के तेल मंत्री खलील अल फलीह ने कहा कि ओपेक गिरती कीमतों को थामने के लिए निर्यात में कटौती करना चाहता है, लेकिन फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनियाभर के नेताओं से बातचीत के बाद लिया जाएगा।

विदित हो कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उपभोक्ता देश है जो अपनी जरूरतों के लिए 80 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। अगर ओपेक तेल उत्पादन घटाता है, तो दाम बढ़ने से भारत प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होगा। उधर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रमुख उपभोक्ता देश ओपेक के समक्ष लगातार यह प्रस्ताव रख रहे हैं कि संगठन को कच्चे तेल कीउचित दर रखनी चाहिए। ओपेक बैठक से ठीक पहले ट्रंप ने भी गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि उन्हें ओपेक से तेल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न नहीं करने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में भारत के बढ़ते प्रभाव की बानगी के तौर पर फालिह का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, " हम मोदी की राय पर गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे, क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह वे भी इस मुद्दे पर मुखरता से राय रखते हैं।"

उन्होंने हाल में ब्यूनस आयर्स में आयोजित जी-20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का हवाला दिया और कहा कि निजी वार्तालाप के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने बेहद मजबूती के साथ अपने विचार रखे थे। उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय ग्राहकों की चिंता है और वे इस बारे में बेहद गंभीर हैं। 

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