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दुनिया भर में किशोरों की सक्रियता कम हुई : डब्ल्यूएचओ

Update: 2019-11-25 15:15 GMT

संयुक्त राष्ट्र। तकनीकी निर्भरता की वजह से जहां दुनिया भर में किशोरों की सक्रियता कम हुई है,वहीं भारत के किशोर उनकी तुलना में अधिक सक्रिय हैं। यह खुलासा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अध्ययन से हुआ है

अध्ययन के मुताबिक, लड़कियों के घरेलू काम करने और लड़कों के क्रिकेट जैसे खेलों पर ध्यान केंद्रित करने के कारण वे शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं।

विदित हो कि डब्ल्यूएचओ ने 11 से 17 साल उम्र के छात्रों का पहली बार अध्ययन किया है। उसने कहा कि विश्व भर में करीब 80 प्रतिशत किशोर प्रतिदिन 60 मिनट से भी कम समय के लिए कोई शारीरिक गतिविधि करते हैं।

इस अध्ययन में 16 लाख बच्चों को शामिल किया गया है । वर्ष 2001 से 2016 के बीच किए गए अध्ययन के अनुसार, चार देशों टोंगा, समोआ, अफगानिस्तान और जाम्बिया को छोड़कर 146 देशों में लड़कियां लड़कों से कम सक्रिय हैं।

डब्ल्यूएचओ ने सलाह भी दी है कि लोगों को दिन में कम से कम एक घंटा कोई शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। 'द लैंसेट चाइल्ड एंड अडोलेसेंट हेल्थ' पत्रिका में प्रकाशित डब्ल्यूएचओ की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वभर में 85 प्रतिशत लड़कियां और 78 प्रतिशत लड़के प्रतिदिन कम से कम एक घंटे शारीरिक सक्रियता के मामले में विफल रहे हैं।

अध्ययन में पाया गया है कि फिलीपीन में लड़कों के सक्रिय नहीं होने की दर सर्वाधिक (93 प्रतिशत) है, जबकि दक्षिण कोरिया में 97 प्रतिशत किशोरियां कोई शारीरिक गतिविधि नहीं करतीं हैं।

किशोरों की पर्याप्त सक्रियता के मामले में अमेरिका, बांग्लादेश और भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा। किशोरियों के मामले में भी बांग्लादेश और भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा।

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