नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि मुंबई हमले के बाद वर्ष 2009 में भारत अकेला था लेकिन 2019 में पूरा विश्व उसके साथ खड़ा है। उनका यह बयान जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को वैश्विक आंतकी घोषित किए जाने का चीन द्वारा विरोध करने के सदर्भ में है, जिसे विपक्ष एक 'राजनयिक विफलता' बता रहा है।
ट्विटर के माध्यम से सुषमा स्वराज ने कहा कि वह लोगों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मौलाना मसूद अजहर को आतंकी घोषित किए जाने के विषय से अवगत कराना चाहती हैं। सुषमा ने कहा कि भारत को अजहर के खिलाफ विश्व का अप्रत्याशित समर्थन मिला है।
सुषमा ने कहा कि 2009 में मुंबई आंतकी हमले के बाद भारत की ओर से अजहर को वैश्विक आंतकी घोषित किए जाने के प्रयास में भारत अकेला था। 2016 में पठानकोट हमले के बाद भारत के प्रयास में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन सह प्रस्तावकर्ता थे। 2017 में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने स्वयं प्रस्ताव रखा। अब 2019 में पुलवामा हमले के बाद ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका प्रस्तावकर्ता थे और इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद के स्थायी और अस्थायी 15 सदस्यों में से 14 का समर्थन मिला है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इटली और जापान ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया है।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के प्रयास में चीन की रुकावट पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री पर 'कमजोर' होने का आरोप लगाया था।
सुषमा ने कहा कि उन्होंने यह तथ्य इसलिए दुनिया के सामने रखे हैं कि इसे राजनयिक विफलता बताने वालों को पता चल जाए कि 2009 में भारत अकेला था और 2019 में भारत को पूरे विश्व से समर्थन मिल रहा है।