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भारत सरकार ने मालदीव राजनैतिक संकट पर बयान जारी किया

भारत सरकार को ये जानकर गहरी निराशा हुई कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निष्पक्ष परीक्षण के बिना जेल की लंबी सजा सुनाई गई हैं

Update: 2018-06-14 19:17 GMT

नई दिल्ली। भारत सरकार ने हिन्द महासागर के द्वीप देश, मालदीव में चल रहे राजनैतिक संकट को लेकर बयान जारी किया है। अपने बयान में भारत सरकार ने कहा कि मालदीव में राजनीतिक संकट की शुरुआत के बाद से, भारत ने मालदीव सरकार से बार-बार उच्चतम न्यायालय और संसद समेत सभी संस्थानों को एक स्वतंत्र और स्वतंत्र तरीके से कार्य करने और सभी के बीच वास्तविक राजनीतिक वार्ता की अनुमति देने के लिए आग्रह किया है। भारत सरकार को ये जानकर गहरी निराशा हुई कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निष्पक्ष परीक्षण के बिना जेल की लंबी सजा सुनाई गई हैं। यह कानून के शासन को बनाए रखने के लिए मालदीव सरकार की प्रतिबद्धता पर शक पैदा करता है और इस साल सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाएगा।

भारत का मानना ​​है कि लोकतांत्रिक, स्थिर और समृद्ध मालदीव, हिंद महासागर में अपने सभी पड़ोसियों और दोस्तों के हित में हैं। भारत की मालदीव सरकार को सलाह है कि वो पूर्व राष्ट्रपति गयूम और मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद सहित राजनीतिक कैदियों को तुरंत रिहा करे और राष्ट्रपति चुनावों में सभी राजनीतिक ताकतों की भागीदारी के लिए आवश्यक शर्तों को तैयार करे, जिससे चुनावी राजनीतिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बहाल किया जा सके। 

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