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21वीं शताब्दी में भारत की एक महत्वपूर्ण भूमिका : राष्ट्रपति

Update: 2018-09-07 10:00 GMT

प्राग/नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को यहां भारतीय समुदाय से मुखातिब होते हुए कहा कि 21वीं शताब्दी में भारत की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि आप जहां कहीं भी रह रहे होंगे इस भूमिका के प्रभाव को महसूस करेंगे, आप भारत के बढ़ते प्रभाव को महसूस करेंगे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तीन मध्य यूरोपीय देशों की आठ दिवसीय यात्रा के अंतिम चरण में चेकोस्लोवाकिया पहुंचे। यह उनकी चेकोस्लोवाकिया की दूसरी आधिकारिक यात्रा है। कोविंद ने यहां भारतीय समुदाय से भी मुलाकात के दौरान कहा कि यूरोप में भाषायी विज्ञान का सबसे पुराना केंद्र चार्ल्स विश्वविद्यालय है। प्रसिद्ध चेक विद्वान रवींद्रनाथ टैगोर के कार्यों को चेक के लोगों के लिए लाये और भारत के साथ एक मजबूत सांस्कृतिक संबंध बनाने में मदद की।

उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने प्राग का दौरा किया और यहां कुछ समय बिताया। अपनी मातृभूमि के लिए स्वतंत्रता की तलाश में उन्होंने 1934 में प्राग में इंडो-चेक एसोसिएशन की स्थापना की। राष्ट्रपति ने जूता कंपनी बाटा का जिक्र करते हुए कहा कि बाटा एक ब्रांड है, जिसके साथ भारतीय बड़े हुए हैं और हम सभी अपने आप पर विचार करते हैं, इसकी जड़ें चेक गणराज्य में हैं। थॉमस बाटा ने जूता कंपनी की स्थापना की और यहां से यह दुनिया के हर कोने में फैल गया।

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