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पाक में आर्थिक संकट गहराया, आईएमएफ की शरण में जाने का फैसला

Update: 2018-10-10 05:10 GMT

इस्लामाबाद/स्वदेश वेब डेस्क। पाकिस्तान ने महाआर्थिक संकट से उबरने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की शरण में जाने का निर्णय किया है। वित्त मंत्री असद उमर ने मंगलवार को इस आशय की षोषणा की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी वीडियो संदेश में बेल आउट पैकेज के लिए आईएमएफ़ से बात करने के लिए अनुमति दे दी है।

असद उमर ने अपनी घोषणा में कहा, "प्रधानमंत्री ने हर किसी से सलाह मशविरा करने के बाद ये फ़ैसला लिया है कि आईएमएफ़ से बातचीत करना चाहिए।" पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक दल ने पाकिस्तान का 27 सितंबर से 4 अक्टूबर तक पाकिस्तान का दौरा भी किया था।

इस दौरे में आईएमएफ़ के प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान की मौजूदा आर्थिक हालात का आकलन भी किया है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आईएमएफ से मदद मांगने का फैसला मुश्किल भरा है, लेकिन पाकिस्तान की हर नई सरकार के आईएमएफ़ की शरण में जाने का इतिहास भी रहा है।

विदित हो कि पाकिस्तान 1980 के बाद से नियमित अंतराल पर आईएमएफ़ से मदद लेता रहा है। इससे पहले 12 बार पाकिस्तान इसी तरह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद ले चुका है।

पांच साल पहले साल 2013 में, पाकिस्तान सरकार ने इन्हीं परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 6.6 अरब डॉलर का कर्ज लिया था। हालांकि पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय संस्था से कितना कर्ज लेगा, इसके बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि वह 12 अरब डॉलर का ऋण मांगेगा।

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