नई दिल्ली/ बीजिंग। चीन के अग्रणी कारोबारी माने जाने वाले जैक मा कारोबारी जगत से संन्यास लेने का मन बना रहे हैं। संघर्षों के जरिए फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले जैक मा चीन ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा समूह के प्रमोटर है। अब वे जैक मा फाउंडेशन के जरिए गरीब बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की योजना बना रहे हैं।
एक अमेरिकी अखबार को दिए अपने विशेष साक्षात्कार में अलीबाबा समूह के जैक मा ने खुलासा किया कि वे अपने लंबे समय से चले आ रहे सपने को पूरा करना चाहते है। वो गरीब बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहते है। जैक मा पहले भी कई बार कह चुके थे कि वे अब एक शिक्षक की भूमिका में रहना चाहेंगे। अलीबाबा कंपनी की स्थापना के पहले जैक मा चीन में अंग्रेजी पढ़ाया करते थे।
जैक मा ने साल 1999 में अलीबाबा कंपनी की स्थापना की थी। जो बाद में चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बनी। पिछले वित्त वर्ष में अलीबाबा समूह ने दो लाख 88 हजार 420 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। अलीबाबा समूह ई-कॉमर्स, मनी वॉलेट सेवा, ऑनलाइन पेमेंट, बैंकिंग, मनोरंजन, क्लॉउड कम्प्यूटिंग सहित कई सेक्टर्स में अपनी सेवाएं देती है। पिछले वित्त वर्ष में अलीबाबा समूह के 52 करोड़ से ज्यादा ग्राहक रहे हैं।