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कोरोना संकट में इमरान ने ट्वीट कर भारत के खिलाफ उगला जहर

Update: 2020-04-02 15:56 GMT

इस्लामाबाद। एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझने में लगी हुई है, दूसरी तरफ पाकिस्तान भारत के खिलाफ प्रॉपेगैंडा से बाज नहीं आ रहा। कोरोना वायरस जैसी गंभीर चुनौती से निपटने के लिए सार्क देशों के प्रमुखों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने कश्मीर का रोना रोया था। अब वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान इसका रोना रो रहे हैं। खान ने भारत सरकार द्वारा 1 दिन पहले जारी किए गए जम्मू-कश्मीर री-ऑर्गनाइजेशन ऑर्डर 2020 की आलोचना करते हुए इसे सूबे की 'डिमॉग्रफी यानी जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश' करार दिया है।

इमरान खान और पाकिस्तान वैसे तो पिछले साल अगस्त से ही कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के अजेंडे में लगे हुए हैं। आर्टिकल 370 को निरस्त करने के भारत के अंदरूनी मामले को पाकिस्तान हर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करता रहा है लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी है। जम्मू-कश्मीर री-ऑर्गनाइजेशन ऑर्डर 2020 से बौखलाए इमरान ने इसे कश्मीर में 'भारत का आतंकवाद' तक करार दिया है। आतंकवाद के पनाहगाह के तौर पर कुख्यात और इसे अपनी विदेश नीति के लिए औजार की तरह इस्तेमाल करने वाला पाकिस्तान उल्टे भारत पर बेसिर-पैर का आरोप लगा रहा है।

इमरान ने गुरुवार को एक के बाद एक कुल 3 ट्वीट करके भारत के खिलाफ जहर उगला। इमरान ने लिखा, 'सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों को दरकिनार कर जम्मू-कश्मीर के डिमॉग्रफी को अवैध तरीके से बदलने की नस्लभेदी हिंदुत्व श्रेष्ठता वाली मोदी सरकार की निरंतर की जा रही कोशिशों की हम कड़ी निंदा करते हैं। नया जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 चौथे जिनेवा कन्वेंशन का सीधा-सीधा उल्लंघन है।'

एक अन्य ट्वीट में इमरान ने आरोप लगाया है कि अभी दुनिया का ध्यान कोरोना वायरस महामारी पर है और भारत इसी बात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कश्मीर राग छेड़ते हुए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि उन्हें भारत को 'यूएनएससी प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन' करने से रोकना चाहिए। एक अन्य ट्वीट में इमरान ने लिखा है कि पाकिस्तान 'भारत प्रायोजित आतंकवाद' और कश्मीरियों को 'स्वनिर्णय के अधिकार से वंचित' किए जाने का 'पर्दाफाश' करना जारी रखेगा।

आर्टिकल 370 को निरस्त करने के 8 महीने बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल लागू कर दिया। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 (राज्य कानूनों का अनुकूलन) का गजट नोटिफिकेशन जारी किया। अब केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 15 साल से रह रहे नागरिक सूबे में डोमिसाइल के हकदार होंगे। केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए डोमिसाइल के नियम और शर्तें तय की है।

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