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कैबिनेट ने दी मंजूरी, इरडा-अमेरिकी बीमा सेवा (एफआईओ) के बीच एमओयू पर हस्‍ताक्षर

Update: 2018-08-29 10:11 GMT

नई दिल्ली। मंत्रिमंडल ने बीमा नियामक क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच एमओयू को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई (इरडा)) और अमेरिका के संघीय बीमा कार्यालय के बीच एमओयू पर हस्‍ताक्षर को मंजूरी दे दी है।

अमेरिका अंतरराष्‍ट्रीय मानक स्‍थापित करने संबंधी गतिविधियों पर सहयोग बढ़ाने को जारी रखने, वित्‍तीय स्थिरता और बीमा क्षेत्र के मजबूत मितव्‍ययी (प्रूडेंशियल) नियामक के जरिए उपभोक्‍ता संरक्षण के विकास और कार्यान्‍वयन पर भी सहमत हो गए हैं।

भारत में बीमा और पुनर्बीमा व्‍यवसाय को नियंत्रित करने, उसे बढ़ावा देने और उसकी वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए बीमा विनियामक और विकास प्राधिकार कानून, 1999 के अंतर्गत आईआरडीएआई का गठन किया गया था। इसी प्रकार से अमेरिका में संघीय बीमा कार्यालय (एफआईओ) है, जिसे बीमा क्षेत्र के सभी पहलुओं की निगरानी करने और अंतरराष्‍ट्रीय बीमा के मितव्‍ययी पहलुओं पर अमेरिका का प्रतिनिधित्‍व करने का अधिकार है।

भारत और अमेरिका के एक-दूसरे के साथ मजबूत व्‍यवसायी संबंध हैं और दोनों देश विभिन्‍न राजनीतिक और आधिकारिक स्‍तरों पर नियमित बातचीत करते रहते हैं। दोनों देशों के बीच विभिन्‍न बहुक्षेत्रीय मुद्दों पर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए समय-समय पर विभिन्‍न संस्‍थागत तंत्रों को बनाया गया है।

अमेरिका का भारत में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश में एक प्रमुख योगदान है और अनेक बीमा कंपनियों ने अमेरिका की बीमा कंपनियों के साथ संयुक्‍त उद्यम स्‍थापित कर रखा है। विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के साथ भारतीय बीमा क्षेत्र विशेषकर अमेरिका की बीमा कंपनियों में विदेशी निवेश की आगे भी संभावना है। इसलिए आईआरडीएआई और एफआईओ, अमेरिका के बीच द्विपक्षीय एमओयू दोनों देशों के लिए काफी संभावनाएं रखता है। 

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