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बुलेट ट्रेन के लिए जापान से ऋण की पहली किस्त का रास्ता साफ, 5591 करोड़ रुपये मिलेंगे

Update: 2018-09-29 02:30 GMT

नई दिल्ली। मुंबई और अहमदाबाद के बीच देश के पहले बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान के डिवलपमेंट बैंक (जाईका) से ऋण की पहली किस्त के रूप में साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये मिलने का रास्ता साफ हो गया है। अब उम्मीद की जा रही है कि अगले साल की शुरुआत से बुलेट ट्रेन परियोजना का निर्माण कार्य रफ्तार पकड़ सकेगा। इस परियोजना के लिए जापान और भारत में हुई सहमति के बाद अब यह तय है कि जरूरत के मुताबिक हर छह माह में जाईका से ऋण की रकम का कुछ हिस्सा लिया जा सकेगा।

गौरतलब है कि एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये के इस बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 88 हजार करोड़ रुपये का ऋण देने पर अपनी सहमति दे चुका था। अब बुलेट ट्रेन के लिए इस 88 हजार करोड़ रुपये में से रेलवे जरूरत के मुताबिक ऋण की रकम लेता रहेगा। इसी क्रम में पहली किस्त के रूप में जाइका 89,457 बिलियन येन यानी लगभग 5,591 करोड़ रुपये दे रहा है। रेलवे सूत्रों का कहना है कि पहली किस्त के समझौता पर शुक्रवार शाम को वित्त मंत्रालय में जाईका के भारत में प्रमुख प्रतिनिधि कातसू मतसूमा और वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के अतिरिक्त सचिव सी. एस. महापात्रा के बीच हस्ताक्षर किए गए। अब यह रकम जापान से वित्त मंत्रालय के पास आएगी और वहां से रेलवे के जरिए बुलेट ट्रेन परियोजना तैयार करने वाली कंपनी नैशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन को मिलेगी। कॉर्पोरेशन के सूत्रों का कहना है कि इस समय भारत में 100 येन की भारतीय मुद्रा में कीमत 62.50 रुपये है। इस किस्त के आने के बाद अब उन अटकलों को भी विराम लग गया है, जिसमें आशंका जताई जा रही थी कि भूमि अधिग्रहण में आ रही अड़चनों की वजह से जापान लोन देने में आनाकानी कर रहा है। कॉर्पोरेशन सूत्रों के मुताबिक, आमतौर पर किसी भी परियोजना में सभी समझौता होने के बाद ही जापान लोन देता है, लेकिन बुलेट ट्रेन परियोजना के मामले में उसने परियोजना के शिलान्यास होने के समय ही लगभग 10 मिलियन येन एक तरह से ग्रांट के तौर पर अडवांस में दे दिए थे। अब उस रकम को इसी ऋण में समायोजन किया जाएगा।

रेलवे अधिकारी का कहना है कि यह भी तय हुआ है कि बुलेट ट्रेन के लिए अब छह माह बाद ऋण की अगली किस्त ली जाएगी। इस मामले में ऋण की राशि चुकाने के लिए 15 वर्ष का अनुकूल माहौल दिया गया है, यानी यदि पहली किस्त के रूप में 28 सितंबर 2018 को ऋण लिया गया है तो अब इस 5,591 करोड़ रुपये की वापसी की पहली किस्त सितंबर 2033 से शुरू होगी। इसी तरह से जब अगली किस्त ली जाएगी, उस तारीख से 15 वर्ष बाद लोन की उस राशि की किस्त चुकाना शुरू हो जाएगा।

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